डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों और सीनियर कांग्रेसी नेताओं विजय इंदर सिंगला और सुंदर शाम अरोड़ा ने आज राज्य में लोकतंत्र के द्वारा चुनी हुई सरकार को कमजोर करने के लिए संवैधानिक पदों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा की निंदा की। दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि पहले भी पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों में राज्यपालों ने लोकतंत्र के द्वारा चुनी हुयी सरकारों का गला घोटने के के भद्दे यत्न किये हैं। अब इसी तरह पंजाब के राज्यपाल भी भाजपा समर्थकी होकर काम कर रहे हैं।
सिंगला और अरोड़ा ने कहा कि पंजाब की भाजपा लीडरशिप की तरफ से कैप्टन सरकार को धमकी देने जैसे अपवित्र इरादों और भद्दी चालों के आगे कभी घुटने नहीं टेकेंगे बल्कि भाजपा को मौका आने पर सबक सिखाएँगे। बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदारना बयानबाजी करने के लिए पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया पर बरसते हुये मंत्री ने कहा कि भाजपा नेता न कभी फौज में रहे हैं और न ही अपने स्कूल के दिनों के दौरान कभी भी एन.सी.सी. में नहीं गए जिस कारण वह इस बात से पूरी तरह अनजान हैं कि कोई जनरल या कमांडर केवल अपने अधीन काम कर रहे अधिकारियों को ही तलब कर सकता है।
मुख्यमंत्री खुद फौज की पृष्टभूमि से संबंध रखते हैं
उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के मुख्यमंत्री अफसरों को अपने अधिकारी कह रहे हैं तो इसमें कोई अतिकथनी नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री खुद फौज की पृष्टभूमि से संबंध रखते हैं और उनको यह कहने का पूरा हक है कि क्योंकि राज्य के अधिकारी उनको प्रत्यक्ष तौर पर जवाबदेह हैं। सिंगला और अरोड़ा ने पूर्व मंत्री को याद दिलाया कि राज्यपाल केवल एक कानूनी पद होता है जबकि वास्तविक शक्तियां लोकतंत्रीय ढंग से चुनी गई कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के हाथों में हैं।
पूर्व मंत्री के बयान पर सवाल उठाते हुये कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि राज्यपाल को खुश करने के लिए भाजपा नेता लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को अनदेखा कर रहे हैं जो लोगों की तरफ से, लोगों की और लोगों के लिए चुनी गई सरकार की बात कहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता जो भाजपा के प्रदेश प्रमुख भी रहे हैं, को याद रखना चाहिए कि अधिकारी लोकतंत्रीय ढंग से चुनी गई सरकार के प्रति जवाबदेह होते हैं न कि किसी रबड़ की मोहर के।







