नई दिल्ली। किसान नेताओं और सरकार के बीच आज आठवें दौर की वार्ता भी विफल रही। इस बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकला। अब इनकी अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। यह बैठक इस लिहाज से भी अहम हो जाती है कि 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। ऐसे में इस सुनवाई के बाद जो बैठक होगी उसमें सुप्रीम के फैसले से काफी असर पड़ने की उम्मीद है।
कृषि कानूनों के विरोध में सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रहे देश के किसानों का आंदोलन आज 44वें में दिन में प्रवेश कर चुका है। एक ओर जहां कल किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार को अपनी शक्ति का अहसास कराया वहीं आज वह सरकार के साथ आठवें दौर की बैठक कर एक बार फिर अपनी मांगों को को सरकार के समक्ष ऱखा।
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एक ओर जहां विज्ञान भवन के अंदर किसान नेताओं और सरकार की बैठक चल रही है, वहीं विज्ञान भवन के बाहर लोगों को लंगर खिलाया जा रहा है। किसान नेताओं और सरकार की बैठक जारी है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बैठक में सरकार ने दो टूक कह दिया है कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे। बाकी अन्य विषयों पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं।
कांग्रेस विधायकों ने प्रियंका से मिलकर की बातचीत
किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से ज्यादा समय से जंतर-मतर पर बैठे पंजाब के कांग्रेस विधायक आज कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से मिले। उनकी यह बैठक राहुल गांधी के आवास पर हुई। वहीं, किसानों के साथ बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हो रही है। इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी पहुंचे हैं। खबर है कि ये लोग किसान नेताओं की बैठक को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इस बैठक में पीयूष गोयल भी शामिल हुए।







