डेली संवाद, जालंधर/कपूरथला
आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी पी.टी.यू) अपनी स्थापना के शानदार 24 साल पूरे करते हुए इस बार 25वें साल में प्रवेश कर गया है। यूनिवर्सिटी का यह सिल्वर जुबली ईयर (रजत जयंती) है। इस संधर्व में यूनिवर्सिटी ने अपने साल भर का एजेंडा तैयार किया है।
यूनिवर्सिटी इस साल को अकादमिक सक्षमता, अनुसंधान (शोध) एवं विकास, स्टूडेंट फ्रेंडली टेक्नीक देने के नाम कर रही है। साथ ही प्रबंधन ने लक्ष्य रखा है कि इस साल यूनिवर्सिटी एन.ई.पी (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 ) के समानांतर उसके निर्वाह पर काम करेगी। यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो (डॉ) अजय कुमार शर्मा ने इस लक्ष्य को रजत जयंती वर्ष समारोह के दौरान यूनिवर्सिटी परिवार से साँझा किया। शुक्रवार को रजत जयंती वर्ष समारोह के तहत यूनिवर्सिटी का वार्षिक कैलेंडर एवं रजत जयंती वर्ष लोगो भी जारी किया गया।
कुलपति प्रो (डॉ) अजय कुमार शर्मा ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने बीते 24 साल में प्रशाशनिक एवं अकादमिक स्तर पर बदलाव लाने, पहल करने एवं रेगुलेटरी बॉडीज के मुताबिक चलकर नए शिखर हासिल किये हैं। रजत जयंती पहला पड़ाव है जहाँ कल और आज का मूल्याँकन किया जाना है। आने वाले कल में यूनिवर्सिटी यू.जी.सी 12 बी के दायरे में लाना, एन.ई.पी के मुताबिक हॉलिस्टिक टेक्निकल एजुकेशन के साथ साथ के बड़े स्तर पर एजुकेशन देने वाली मल्टी डिसिप्लनेरी यूनिवर्सिटी के तौर पर स्थापित करना है।
यूनिवर्सिटी परिसर में श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए
अन्य एजेंडा पर कुलपति प्रो (डा) शर्मा ने कहा कि बाजार की आवश्यकता के अनुसार स्टूडेंट्स में कौशल वृद्धि, उच्च तकनीकी शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा देना, रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए उद्योग के साथ सक्रिय भागीदारी, गुणवत्ता में सुधार, आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण लगातार पहले की भांति जारी रहेगा। इस दौरान यूनिवर्सिटी परिसर में श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए, जिसके बाद गुरू का लंगर अटूट बरताया गया। यूनिवर्सिटी स्टाफ, अधिकारियों, फैकल्टी एवं स्टूडेंट्स सभी ने पंगत में बैठ कर लंगर छका। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार इंजीनियर संदीप कुमार काजल, डीन अकादमिक डॉ विकास चावला, प्रोफेसर डा यादविंदर सिंह बराड़, डायरेक्टर ओ.डी.एल डॉ बलकार सिंह, कंट्रोलर परीक्षाएं डा परमजीत सिंह, जॉइंट रजिस्ट्रार डा आर.पी एस बेदी, डा गौरव भार्गव, डा हितेश शर्मा व अन्य उपस्थित रहे।