विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में 7800 से अधिक सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदला

Daily Samvad
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Vijay Inder Singla MINISTER

डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब सरकार ने स्कूली बुनियादी ढांचे की कायाकल्प करते हुए अब तक 7842 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तबदील कर दिया है। इससे सरकारी स्कूलों में इस साल नये दाखि़लों में न केवल 14 प्रतिशत से अधिक का विस्तार हुआ है बल्कि इससे सरकारी स्कूलों के प्रति राज्य के लोगों का आकर्षण भी बढ़ा है।

स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में राज्य के सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने के लिए साल 2019 में स्मार्ट स्कूल नीति तैयार की थी। ये स्मार्ट स्कूल किसी भी आम स्कूल की अपेक्षा पूरी तरह अलग हैं। ये प्रौद्यौगिकी आधारित अध्यापन प्रशिक्षण संस्थान हैं जो बच्चों के संपूर्ण विकास को यकीनी बनाते हैं। ये वे स्कूल हैं जिनमें मानक विद्या प्रदान करने के लिए कला सहूलतें स्मार्ट क्लास रूम, डिजिटल सामग्री, सौर ऊर्जा, खेल सहूलतें, स्मार्ट वर्दी, आकर्षक वातावरण समेत शैक्षिक पार्क, कलर कोडिंग, लैंडस्केपिंग मुहैया करवाई गई है।

प्रवक्ता के अनुसार स्मार्ट स्कूल नीति तैयार होने के बाद शिक्षा सचिव श्री कृष्ण कुमार की देख-रेख में स्मार्ट स्कूल बनाने की आरंभ की गई मुहिम के अधीन स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाया गया है। प्रवक्ता के अनुसार सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तबदील करने के लिए इसमें भाईचारे का सम्मिलन यकीनी बनाने, अध्यापकों और अभिभावकों समेत सभी हिस्सेदारों की भागीदारी द्वारा राज्य की स्कूल शिक्षा प्रणाली को मज़बूत करने, स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाने, सरकारी स्कूलों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए डिजिटल साधनों से लैस करने, विद्यार्थियों के सीखने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्यौगिकी मुहैया करवाने, विद्यार्थियों के सर्वपक्षीय विकास के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध करवाना आदि का लक्ष्य निश्चित किया गया था।

विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर मुहैया करवाया

प्रवक्ता के अनुसार स्मार्ट स्कूल नीति के अधीन स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करने के साथ-साथ स्कूलों में सी.सी.टी.वी. कैमरे, ग्रीन बोर्ड / सफ़ेद बोर्ड, सभी विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर मुहैया करवाना है। इसके साथ ही स्कूलों के प्रवेश द्वारों को सुंदर रूप देना, पीने वाले साफ़ पानी, लड़कियाँ और लडक़ों के लिए सामान पाखाने, स्टाफ रूम और प्रिंसीपलों / हैड मास्टरों के लिए कमरा, अच्छी तरह से लैस साईंस लैब्ज़, व्यावसाय संबंधी प्रयोगशालाओं, आईसीटी लैबोरेटरियाँ आदि भी उपलब्ध करवाना है। प्रवक्ता के अनुसार खेल सहूलतें (हर स्कूल में कम से कम 2 गेम्ज़) की व्यवस्था करनी, अच्छी तरह प्रबंधित खेल मैदान बनाने, प्री-प्राईमरी और प्राईमरी विंग में झूले / खिलौने, ऐजूकेशनल पार्क, अकर्षित और रंगदार फर्नीचर, साउंंड सिस्टम, स्कूल बैंड, स्कूल के बाहर साईन बोर्ड, मिड-डे-मील के लिए डाइनिंग हॉल, कलर कोडिंग, लर्निंग एड (बी.ए.एल.ए.), लैंड स्केपिंग आदि का प्रबंध करना भी इस स्मार्ट स्कूल नीति का हिस्सा है।















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