ऑनलाइन होगा जंग-ए-आजादी में सब कुछ कुर्बान करने वाले सपूतों की वीरगाथा

Daily Samvad
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yogi adityanath

डेली संवाद, लखनऊ
जंगे आजादी में अपना सब कुछ कुर्बान वाले देश के सपूतों की वीर गाथा अब एक क्लिक पर दुनिया के किसी भी कोने से पढ़ी जा सकेगी। इनके द्वारा अंजाम दिया गया काकोरी कांड हो या फिर चौरा चौरी, प्रदेश सरकार अब स्‍वाधीनता अंदोलन से जुड़ी प्रदेश की सभी घटनाओं को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने जा रही है, ताकि देश के युवा आजादी के दीवानों की वीरगाथाएं पढ़ कर इनसे प्रेरणा ले सकें। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने स्‍वतंत्रता अंदोलन की घटनाओं तथा शहीदों से सम्‍बंधित साहित्‍यों को एकत्र कर उसे डिजिटल किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही स्‍वाधीनता अंदोलन से जुड़ी घटनाओं पर उत्‍कृष्‍ट शोध कराए जाएं।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 4 फरवरी से पूरे एक साल तक चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का आयोजन किया जाने के निर्देश दिए हैं। शताब्दी समारोह के अन्तर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के सम्बन्ध में एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश सीएम ने दिए चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अवसर पर 4 फरवरी, 2021 को चौरी-चौरा में कार्यक्रम के साथ ही सभी जनपदों में शहीद स्मारक स्थलों पर चौरी-चौरा की घटना को केन्द्र में रखकर कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे। मुख्‍यमंत्री ने राज्य के सभी जनपदों में स्वाधीनता आन्दोलन अथवा आजादी के बाद के युद्धों के शहीदों के साहित्‍य व उनसे जुड़ी वीर गाथाओं को ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए हैं।

उत्‍तर प्रदेश में आजादी से जुड़ी कई गाथाएं मौजूद हैं। इसमें 9 अगस्‍त 1925 को हुआ काकोरी कांड, गोरखपुर के चौरी-चौरा गांव में हुआ चौरा-चौरी कांड, 10 मई 1857 को मेरठ का विद्रोह, साल 1919 में लखनऊ में हुआ रौलेट बिल का विरोध या फिर बलिया के मंगल पांडेय की वीर गाथा स्‍वाधीनता आंदोलन से जुड़ी इन कहानियों को प्रदेश सरकार डिजिटल प्‍लेटफार्म पर लेकर आएगी।

स्‍वाधीनता अंदोलन से जुड़े साहित्‍य को एकत्र किया जाए

मुख्‍यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि स्‍वाधीनता अंदोलन से जुड़े साहित्‍य को एकत्र किया जाए, फिर उसे डिजिटल प्‍लेटफार्म पर लेकर आएं। मुख्‍यमंत्री ने विश्‍वविद्यालयों में स्‍वाधीनता अंदोलन से जुड़े विषयों पर छात्रों को स्‍कालरशिप दिए जाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा इन विषयों पर उत्‍कृष्‍ट स्‍तर पर शोध कराए जाने के निर्देश भी जारी किए हैं। लुआक्‍टा के पूर्व अध्‍यक्ष डॉ मौलिन्‍दु मिश्र बताते हैं कि अधिकतर युवा हर तरह के ऑनलाइन प्‍लेटफार्म से जुड़े हैं। सरकार ने शहीदों की वीरगाथाओं को ऑनलाइन प्‍लेटफार्म पर लाने का जो निर्णय लिया है। वह बहुत ही सराहनीय कदम है। इससे प्रदेश का युवा अपने अपने वीरों की कहानियों से रूबरू हो पाएगा और उनसे प्ररेणा ले पाएगा।















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