डेली संवाद, जालंधर
शहर में अवैध कालोनानियों और इमारतों को बनना जारी है। सियासत इस तरह से चल रही है कि जालंधर सैंट्रल हलके में काटी गई अवैध कालोनियों पर कार्रवाई के लिए निगम की बिल्डिंग एडहॉक कमेटी पूरा दबाव बना रही है, जबकि कैंट, नार्थ औऱ वेस्ट हलके के कालोनाइजरों पर पूरा रहम कर रही है। सियासत यह भी है कि नार्थ और वेस्ट हलके में कार्रवाई के लिए कौंसलर और निगम अफसर दोनों डरते हैं।
सैंट्रल हलके के रामामंडी इलाके में बन रही 18 अवैध कॉलोनियों के सर्वे से लेकर कार्रवाई तक सभी कौंसलर पीछे पड़े हैं, कार्रवाई होनी भी चाहिए, क्योंकि कालोनाइजरों ने निगम के खजाने को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। लेकिन कैंट, नार्थ और वेस्ट हलके में एक के बाद एक अनगिनत कालोनियां काटी गई, कामर्शियल इमारतें खड़ी कर दी गई, उनके खिलाफ कार्ऱवाई क्यों नहीं होनी चाहिए।
नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक नार्थ हलके में 50 से ज्यादा अवैध कालोनियां काटी गई, इस पर कोई कार्ऱवाई नहीं हुई। यहां तक कि एक कौंसलर ने खुद अवैध कालोनी काटी। इस तरह वेस्ट हलके में 100 से ज्यादा अवैध कालोनियां काटी गई हैं। इसमें कई नेताओं का हिस्सा भी बताया जा रहा है। लेकिन इन इलाके में कार्रवाई के लिए कोई नहीं कह रहा है।
इंस्पैक्टर औऱ अफसर पर एफआईआर होनी चाहिए
जालंधर सैंट्रल हलके में कांग्रेसी कौंसलरों की शह पर कालोनियां काटी गई हैं। लेकिन अब कुछ कौंसलर इस पर कार्रवाई करवाना चाहते हैं। इसमें निगम के इंस्पैक्टरों और अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए एडहाक कमेटी भी बात नहीं कर रही है, जबकि अवैध निर्माण औऱ कालोनी के लिए सीधे तौर पर ये इंस्पैक्टर और अधिकारी जिम्मेदार हैं।