नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों पर बीच का रास्ता तलाशने के लिए शुक्रवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई 11वें दौर की बैठक भी पहले की तरह बेनतीजा खत्म हो गई। अगली बैठक की तारीख फिलहाल तय नहीं की गई है। बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। कानूनों को 18 महीने तक टालने के अलावा इससे बेहतर हम और कुछ नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने अपनी तरफ से बेहतर प्रस्ताव दिया था, अगर किसानों के पास इससे अच्छा कोई प्रस्ताव है तो उसे लेकर आएं। ज्ञात हो कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 58वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। कृषि कानूनों पर कोई समाधान नहीं निकलने से घमासान अब भी बरकरार है। आज की बैठक में भी सभी किसानों ने तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को फिर दोहराया।
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ से 10वें दौर की वार्ता के दौरान कानूनों के क्रियान्वयन को डेढ़ साल तक के लिए टालने का प्रस्ताव दिया था। इसको लेकर गुरुवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी थी। सरकार की तरफ से कहा गया था कि 1.5 साल तक कानून के क्रियान्वयन को स्थगित किया जा सकता है। इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करके समाधान ढूंढ सकते हैं।
ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को होगी
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगली बैठक केवल तभी हो सकती है जब किसान यूनियनें सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हों, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया। राकेश टिकैत ने कहा कि योजना के अनुसार, ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को होगी।







