डेली संवाद, पटियाला
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि सिंघू बॉर्डर पर राज्य के कांग्रेसी सांसद और विधायक पर हुए हमले के पीछे किसानों का नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के वर्करों का हाथ है, जिनका एकमात्र एजेंडा भाजपा के इशारे पर गड़बड़ी पैदा करके किसानों के संघर्ष को कमज़ोर करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पिछले दो महीनों से दिल्ली की सरहद पर बिना किसी ऐसी कार्यवाही को अंजाम दिए शांतमयी ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान संसद के नज़दीक आप वर्कर मौजूद थे जिन्होंने पंजाब कांग्रेस के संसद मैंबर रवनीत सिंह बिट्टू और विधायक कुलबीर सिंह जीरा पर हमला किया और धक्का-मुक्की की गई। उन्होंने कहा, ‘‘आप वर्कर पहले ही वहां खड़े हुए थे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमले के लिए कोई अन्य नहीं बल्कि आप जि़म्मेदार है। किसान जि़म्मेदार नहीं हैं।’’
आम आदमी पार्टी के गुंडे माहौल खराब करना चाहते हैं
पटियाला में अलग-अलग समागमों के दौरान पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप को यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए कि यह मुल्क मार-धाड़ से नहीं बल्कि लोकशाही (लोकतांत्रिक) पर पनप रहा है।’’ बाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि ख़ुफिय़ा रिपोर्टों के मुताबिक आप वर्करों ने किसानों में घुसपैठ की और कांग्रेसी नेताओं पर हमला कर दिया। आम आदमी पार्टी द्वारा उन्होंने और उनकी सरकार के अक्स को चोट पहुँचाने की बोखलाहट में लगातार भद्दी हरकतें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को गुमराह करने के लिए पंजाब में कांग्रेस सरकार के बारे में झूठा प्रचार फैलाने के लिए आप की चालें नाकाम होने के बाद उन्होंने बिट्टू और जीरा के खि़लाफ़ हिंसक कार्यवाही की।
पाकिस्तान से फंडिंग पर कैप्टन बोले – कुछ नहीं जानता
किसान आंदोलन की फंडिंग के स्रोत संबंधी पूछे जाने पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह पाकिस्तान से फंडिंग के बारे में कुछ नहीं जानते। उन्होंने कहा कि किसानों और उनके गाँवों को भारत के अंदर से और बाहर से उनके समर्थकों और शुभचिंतकों और खेती से जुड़े लोगों से फंड आ रहे हैं।
किसान आंदोलन में आखिर क्यों हुआ कांग्रेसी सांसद रवनीत बिट्टू पर हमला
https://youtu.be/ot7WcBYgWtA
कृषि संबंधी उच्चाधिकार प्राप्त समिति के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के लिए आप को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राघव चढ्ढा को अपना मुँह खोलने से पहले तथ्य खंगालने की ज़रूरत है।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जब समिति की पहली मीटिंग हुई थी तो उस समय पर पंजाब इसका मैंबर भी नहीं था और उनकी तरफ केंद्र सरकार को पत्र लिखने के बाद समिति में शामिल किया गया था।