डेली संवाद, चंडीगढ़
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर के सीनियर सहायक संजीव कालिया के आरोप के मामले में नया मोड आ गया है। जालंधर से स्थानांतरित किए गए संजीव कालिया अभी नवांशहर में ड्यूटी दे रहे हैं। सरकार ने एक आदेश में कहा है कि संजीव कालिया ने गबन और आरोप के मामले में जो अपना पक्ष रखा और जवाब दिया है, वह तसल्लीबख्श नहीं है। इसलिए इसकी गहराई से जांच होगी। इसके लिए रिटायर्ड जज को जांच सौंपी गई है।
संजीव कालिया को कुछ महीने पहले चार्जशीट किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर LDP कोटे वाले प्लाट की रजिस्ट्री करवाया। इसके साथ ही इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और राजस्व विभाग को करीब 14.35 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया। इसकी जांच खुद स्थानीय निकाय विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने की थी।
संजीव ने शुरू से ही आरोपों को झुठलाया
इस पूरे मामले में संजीव कालिया शुरू से ही आरोपों को नकारते आए हैं। संजीव कालिया के मुताबिक उन पर जो आरोप लगाए गए, वे निराधान है। उन्होंने अपना पक्ष सरकार को भेजा है। लेकिन संजीव कालिया के पक्ष के बाद सरकार ने नया फैसला सुनाया। अब इसकी जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज श्री ए.एन. जिंदल को सौंपी गई है।
पढ़ें सरकार का आदेश
जालंधर के MLA ने बीच रास्ते रुकवाई गाड़ी, पकड़ी पतंग की डोर
https://youtu.be/XSgAtvx-x_U