नई दिल्ली। आज से कार, ट्रक, बस समेत सभी चार पहिया वाहनों को टोल चुकाने के लिए फास्टैग (fastag) लगवाना जरूरी हो गया है। देश के किसी भी नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा से गुजरते वक्त इसकी जरूरत पड़ेगी। जानिए फास्टैग कैसे काम करेगा, आप इसे कैसे लगवा सकते हैं।
फास्टैग टोल चार्ज लेने का एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम है जो स्टिकर के रूप में होता है। जब आप टोल प्लाजा से गुजरेंगे तो फास्टैग रीडर आपके फास्टैग का बारकोड पढ़ लेगा और पैसे बैंक खाते से कट जाएंगे। यदि आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट सफेद रंग की है तो टोल प्लाजा से गुजरने के लिए फास्टैग होना जरूरी है। निजी कार को फास्टैग से कोई छूट नहीं है। यह नहीं होने पर दोगुना जुर्माना देना होगा।
देश में वाहनों पर पीली नंबर प्लेट कमर्शियल वाहनों के लिए होती है। ऐसे में चाहे ट्रक हो या कैब आपके पास फास्टैग जरूर होना चाहिए। फास्टैग की अनिवार्यता से दोपहिया वाहनों को दूर रखा गया है। एनएचएआई के हाइवे पर दोपहिया वाहनों पर टोल नहीं लगता। इन वाहनों के लिए फ्री लेन होगी।
सरकार ने इसकी कीमत 100 रुपये तय की है। 200 रुपये की सिक्योरिटी देनी होती है। नए वाहनों में यह लगा होता है। इसे आप बैंक या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं। इसे आप अपने बैंक खाते से जोड़ सकते हैं इससे बार-बार रिचार्ज कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। टोल प्लाजा पार करने पर खाते से पैसे खुद कट जाएंगे। एक गाड़ी के लिए केवल एक फास्टैग नंबर जारी होता है, जिसमें रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, टैग आईडी समेत अन्य ब्योरे भरने होते हैं। अपने वाहन का पूरा ब्योरा देकर इसे दोबारा जारी क सकते हैं।







