डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब की राजनीति और सरकार से हाशिये पर चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू के लिए लाबिंग कर रहे पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत को झटका लगा है। सूत्र बता रहे हैं कि हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का डिप्टी सीएम बनाने या फिर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नामंजूर कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन ने कहा कि डिप्टी सीएम, पार्टी अध्यक्ष और गृह मंत्रालय व स्थानीय निकाय मंत्रालय को छोड़कर सिद्धू को कहीं भी एडजस्ट कर दो।
उधर, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने स्थानीय निकाय के चुनाव के परिणामों के बाद यहां प्रेस वार्ता के दौरान कहा है कि पंजाब के लोगों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व व कांग्रेस पार्टी की नीतियों में भरोसा प्रगट किया है क्योंकि पंजाब के लोग जानते हैं कि इस मुश्किल दौर में जब केंद्र सरकार पंजाब से भेदभाव कर रही हो व कोविड-19 के कारण विश्वव्यापी मंदी हो तो कैप्टन अमरिंदर सिंह है ही ऐसे व्यक्ति हैं जो प्रदेश में अमन शांति व आपसी भाईचारा बनाए रखते हुए राज्य को विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकते हैं।
विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी पूरे जोश से शुरू
जाखड़ ने कहा कि प्रदेश के लोगों ने इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी के विकास के एजेंडे पर मुहर लगाते हुए शिरोमणि अकाली दल, भारतीय जनता पार्टी व आम आदमी पार्टी की नकारात्मक व लोगों को बांटने वाली राजनीति को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। इन चुनावों में पार्टी की जीत को लोगों व पार्टी कार्यकर्ताओं की जीत बताते हुए उन्होंने कहा कि इस जीत से पार्टी की अपने लोगों के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है। पार्टी आज से ही विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी पूरे जोश से शुरू करने जा रही है । उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी द्वारा ‘2022 के लिए कैप्टन ‘ मुहिम की शुरुआत की जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब तक प्राप्त 104 स्थानीय निकायों के परिणामों में 98 में कांग्रेस को बहुमत मिला है, विरोधी पार्टियों का पूरी तरह से सफाया हो गया है। उन्होंने कहा कि बेशक लोगों के पास कई बदल थे पर फिर भी लोगों ने भाजपा, अकाली दल व आप की सोच को रद्द करते हुए पंजाब के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मतदान किया है जिसके लिए पार्टी राज्य के मतदाताओं की आभारी है।
पंजाब किसी के मन की बात नहीं सुनता
श्री जाखड़ ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्य की आर्थिक नाकेबंदी करके व रेल रोककर शहरी व ग्रामीण आबादी में दरार डालने का प्रयास किया था पर लोगों ने सिद्ध कर दिया है कि वे पूरी तरह से एकजुट है व केंद्र की भाजपा सरकार को पंजाब के संदेश को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब किसी के मन की बात नहीं सुनता बल्कि सबको इसकी बात सुननी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अपना अहंकार छोड लोगों की बात सुनकर अपनी नीतियां बनाएं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इन चुनावों में जहां लोगों ने आप को भी रद्द कर दिया वही ही उन्होंने कहा कि इसमें कोई हैरानी नहीं होगी अगर अलग होने का ड्रामा करने वाले भाजपा और अकाली दल फिर से मिल जाएं । उन्होंने कहा कि अकाली दल व भाजपा की नीतियों में कोई फर्क नहीं है इसीलिए भाजपा से अलग होने के बाद भी न तो अकाली दल और ना ही आप पार्टी ने केंद्र सरकार की गलत नीतियों व बढ़ती महंगाई के खिलाफ मुंह खोला है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि यह तीनों पार्टियां आपस में मिली हुई हैं।