डेली संवाद, जालंधर/नई दिल्ली
पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला के राष्ट्रीय अनसूचित जाति आयोग के चेयरमैनशिप को लेकर आज देर शाम नोटिफिकेशन जारी हो गई। इससे पहले विरोधी खेमा यह हवा फैला रहा था कि सांपला की चेयरमैन की नोटिफिकेशन रोक दी गई है। सरकार ने इसके साथ ही वाईस चेयरमैन और मेम्बर के नामों की भी नोटिफिकेशन जारी कर दी है।
केद्र सरकार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन बनाकर पंजाब में दलित कार्ड फिर से खेला है। इससे पहले सांपला पंजाब के अध्यक्ष रहे हैं। इसी के साथ सरकार ने 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए अपना तुरुप का पत्ता भी चल दिया है। वहीं राष्ट्रीय राजनीति में सांपला का कद दोबारा बड़ा कर दिया है।
दलित नेता के रूप में कद बढ़ा
विजय सांपला को राष्ट्रीय चेयरमैन की कुर्सी देकर भाजपा की ओर से पंजाब की 34 विधानसभा सीटों पर प्रभाव डालने की पूरी रणनीति तैयार की गई है। पंजाब में 2022 में भाजपा अकेले चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। राज्य में पार्टी पहले ही दलित वोट बैंक को लेकर काफी गंभीर रही है। पंजाब में 117 में से 34 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं, जिसमें से अभी तक भाजपा पांच सीटों पर ही चुनाव लड़ती रही है। बाकी सीटों पर शिअद ने अपना कब्जा रखा था।
सोफी पिंड के सरपंच से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले विजय सांपला ने 2007 में जालंधर वेस्ट से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। उनका ग्राउंड वर्क भी पूरा हो चुका था लेकिन एन मौके पर उनका टिकट कट गया। टिकट भगत चुन्नी लाल ले गए। सांपला और भगत चुन्नी लाल में यहीं से सियासत की जंग शुरू हो गई।
देखें नोटिफिकेशन
2012 में भी सांपला ने दोबारा जालंधर वेस्ट से टिकट लेने के लिए जोर लगा दिया। लेकिन भगत चुन्नी लाल ने उनका टिकट कटवाकर खुद हासिल कर लिया। 2014 में लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाले सांपला को पार्टी ने 2017 में पंजाब का प्रधान बनाकर उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा था।