डेली संवाद, जालंधर
नगर निगम के अफसरों की कार्युप्रणाली की एक झलक देखिए। करोड़ों रुपए की फीस चोरी करने वाला कोलाइजर सीना तान के रातोंदिन अवैध कालोनी काट रहा है, तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि मिशन कंपाउंड में दुकानों को सील करने के लिए रात 12 बजे भी इंस्पैक्टर मौके पर पहुंच जाते हैं। यह महज एक बानगी है, ये तस्वीरें बयां करती हैं कि निगम अधिकारियों और कुछ भ्रष्ट कांग्रेसियों में कालोनाइजरों की कितनी मजबूत पकड़ है।
नगर निगम के अधिकारियों के पास एक शिकायत आई कि मिशन कम्पाउंड में आधा दर्जन दुकानोें को बिना परमीशन और नक्शे के बना दी गई। शाम को शिकायत आई और रात 12 बजे नगर निगम के एक बिल्डिंग इंस्पैक्टर मौके पर दलबल के साथ पहुंचे और दुकानों को सील कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि इस मामले में जिस तरह निगम इंस्पैक्टर ने तेजी दिखाई है, अगर सोहल संगल की अवैध कालोनी पर दिखाते तो शायद निगम के खजाने में करोड़ों रुपए जमा हो जाते।
स्टेडियम के सामने दफ्तर में मशीन से होती है रिश्वत के नोटों की गिनती
स्पोर्ट्स सर्जिकल काम्प्लेक्स के साथ लगते गांव संगल सोहल में अकाली दल और कांग्रेस के एक नेता को फ्री में पार्टनरशिप बनाकर कालोनाइजर ने बड़ा गेम किया है। चमड़े की फैक्टरियों ने निकलने वाले जहरीले पानी से प्रदूषित हो रहे इलाके को बचाने के लिए कोर्ट ने यहां इंडस्ट्री को बंद करने का आदेश जारी किया था। लेकिन यहां इंडस्ट्री बंद होने की बजाए नई इंडस्ट्री लगाने के लिए इंडस्ट्रियल कालोनी काट दी गई है।
ये इंडस्ट्रियल कालोनी काटने वाला स्वयं में एक नेता और अफसर है। जो बस अड्डा रोड पर गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के सामने खुद निगम और डीसी दफ्तर चलाता है। इस कालोनाइजर का रसूख अकाली दल में सुखबीर बादल से लेकर कांग्रेस में कुछ मंत्रियों तक है। यह रसूख पैसे के बल से आया है। हैरानी तो यह है कि कालोनाइजर अपने दफ्तर से ही करोड़ों रुपए के रिश्वत का लेनदेन करता है। इसके लिए दफ्तर में नोट गिनने की मशीन लगी है, इसी मशीन से रिश्वत के लिए नोट गिनी जाती है।
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https://youtu.be/REyEYC0g8sI