मुंबई। महाराष्ट्र में पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद से सियासी भूचाल आ गया है। मुद्दे को लेकर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा मचा। इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवार ने फिर अनिल देशमुख का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने में देशमुख अस्पाल में भर्ती थे। ऐसे में फरवरी में देशमुख और सचिन वझे के बीच बातचीत का आरोप गलत है।
पवार ने इस दौरान देशमुख के अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा भी दिखाया। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते 5 से 15 तक वह नागपुर के अस्पताल में भर्ती थे। उसके बाद 16 फरवरी से 27 फरवरी तक वह होम आइसोलेट थे। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि आरोप गलत हैं, ऐसे में अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल नहीं उठता। परमबीर सिंह के आरोपों से महाविकास अघाडी सरकार पर कुछ असर नहीं पड़ेगा।
पवार ने कहा कि आरोप जिस समय के बारे में था, उस समय की स्थिति क्या थी, यह साफ हो गया है। यह एक गंभीर चीज है। उन्होंने कहा कि यह सीएम का काम है कि वह इस पर ऐक्शन लेना चाहते हैं तो लें या जांच करना चाहते हैं तो करें। यह मेरा काम नहीं है। जिस समय का यह आरोप लगा है, उस समय अनिल देशमुख अस्पताल में थे। ऐसे में यह बात साफ है कि इस आरोप में कोई दम नहीं है।
जांच को भटकाने की कोशिश!
उन्होंने कहा कि पत्र में जांच को भटकाने की कोशिश की गई है। मैंने रविवार को महाराष्ट्र के सीएम से बात की है। देशमुख पर जांच को लेकर फैसला वही करेंगे। पवार ने साफ किया कि प्रदेश की सरकार पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मेरा एटीएस पर भरोसा है। वह सच्चाई सामने लाएगी। ऐसे माहौल में मेरा कुछ कहना ठीक नहीं क्योंकि इसका जांच पर असर पड़ेगा।
वार ने कहा, ‘पूर्व CP ने कहा है कि वो उसी दिन देशमुख से मिले। फिर वो एक महीने तक क्यों इंतजार करते रहे। जो कुछ आरोप लगा है वो जांच का विषय है। मुझे उस पर कुछ नही कहना है। मुझे खुशी है कि जो मेन केस है हत्या का, उसमें मुम्बई ATS ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है।’ उन्होंने कहा कि जो इन्फॉर्मेशन आया है उसके बाद पूर्व CP के आरोप में कोई दम नही है