हमारा मुल्क हिटलर का जर्मनी या मायो का चीन नहीं, लोगों की बात सुननी पड़ेगी : कैप्टन

Daily Samvad
6 Min Read

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि भारत के विरुद्ध पाकिस्तान और चीन का गठजोड़ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कूटनीतिक असफलता का परिणाम। राज्यपाल को यह बताना होगा कि खेती कानूनों के विरुद्ध राज्य के बिल राष्ट्रपति को भेजने से किस कारण रोके जा रहे हैं।

captain amrinder singh

डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पाकिस्तान और चीन के दरमियान बढ़ रही आर्थिक और सैनिक संबंध को भारत की कूटनीतिक असफलता करार दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान के संकट को सुलझाने में देरी से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पाकिस्तान को राज्य में बढ़ रही बेचैनी का फ़ायदा उठाने की इजाज़त दे रही है।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील की कि यदि किसी अन्य कारण से नहीं तो कम-से-कम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में खेती कानून रद्द किये जाएँ। उन्होंने कहा कि आप यह क्यों नहीं सोचते कि ऐसे दौर में पाकिस्तान क्या करेगा? मुख्यमंत्री ने इतिहास से सबक सीखने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए चेतावनी दी कि पाकिस्तान पंजाब में नौजवानों में पाई जा रही नाराज़गी का फ़ायदा उठाएगा जैसे कि वह गत समय में भी करता आया है। किसानों का आंदोलन तेज़ होने के बाद ड्रोनों के द्वारा पंजाब में हथियारों की तस्करी बढ़ने के विवरणों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,’’क्या दिल्ली सो रही है?’’

खेती कानून वापस लेने की अपील

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र सरकार को हठ और अहंकार छोड़ने और तुरंत खेती कानून वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा, ’’यह हिटलर का जर्मनी नहीं और न ही मायो ज़ेदोंग का चीन है। लोगों की आवाज़ सुननी पड़ेगी’’। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि किसानों का आंदोलन राजनैतिक मसला नहीं बल्कि उनके अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यह आंदोलन सिर्फ़ पंजाब तक ही सीमित नहीं है।

राजनीति में अपने 52 वर्षों के तजुर्बे का ज़िक्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने अतंकवाद के सिर उठाने का दौर भी देखा है और पंजाब के मुख्यमंत्री की हत्या भी। एक मीडिया कार्यक्रम दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के दरमियान आर्थिक और सैन्य संबंध के कारण आज स्थिति बहुत ख़राब है जोकि भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

सरहदों पर सात बार मुठभेड़ हो चुकी

उन्होंने कहा, ’’बेशक भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के समर्थ है परन्तु सवाल तो यह है कि भारत सरकार मुल्क के दो बड़े दुश्मनों को एकजुट होने की इजाज़त क्यों दे रही है?’’उन्होंने कहा कि यदि जंग होती है और पाकिस्तान और चीन एक हो जाएंगे और पंजाब जंग के मोर्चे पर होगा क्योंकि इसकी पाकिस्तान से 600 किलोमीटर लम्बी सरहद लगती है।

मुख्यमंत्री ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ़ जनरल बाजवा की शान्ति सम्बन्धी पेशकश पर भरोसा करने के खि़लाफ़ चेतावनी दी और इसको इस्लामाबाद की दोहरी नीति बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 1947 से ही हमारे साथ चालें चल रहा है वह अतीत को कैसे भूल सकते हैं? उन्होंने आगे कहा कि पाक फ़ौज और आईएसआई भारत के साथ हमेशा तनाव बढ़ाने के लिए कोशिशें करते रहते हैं और कभी भी शान्ति बने नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि बाजवा वास्तव में फ़ौज का हिस्सा बनने के योग्य नहीं है, वह झूठा है। कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि जिस दिन से जनरल ने शान्ति की पेशकश की है, उस दिन से सरहदों पर सात बार मुठभेड़ हो चुकी है।

सरकार के साथ कभी भी खेती कानूनों बारे परामर्श नहीं किया

यह स्पष्ट करते हुए कि उनकी सरकार के साथ कभी भी खेती कानूनों बारे परामर्श नहीं किया गया, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून राज्य और किसानों पर बिना किसी विचार-विमर्श के थोपे गए हैं क्योंकि स्पष्ट तौर पर केंद्र सरकार जानती थी कि हम इन कानूनों का विरोध करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ज़रूरत पड़ने पर पंजाब का प्रयोग करने के बाद अब केंद्र सरकार हमें अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को वास्तव में कृषि सुधार समिति में शामिल नहीं किया गया था और पंजाब को मैंबर बनाने के बाद खेती कानूनों बारे कभी भी कोई चर्चा नहीं की गई।

कैप्टन अमरिन्दर ने इस सुझाव को रद्द कर दिया कि खेती कानूनों के खि़लाफ़ राज्य के संशोधन बिल प्रतीकात्मक हैं। ये बिल संविधान की धारा 354 (2) अधीन पास किये गए हैं जैसे कि गुजरात ने भूमि अधिगृहण कानूनों के लिए किया था। उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल को बताना चाहिए कि इन बिलों को राष्ट्रपति के पास भेजने के लिए उनको कौन सा कारण रोक रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि वह राष्ट्रपति के पास जाते हैं और वह अपनी सहमति देने से इन्कार करते हैं तो उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।




728

728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *