डेली संवाद, जालंधर
पंजाब के जालंधर स्थित गांधी वनिता आश्रम में सबकुठ ठीक नहीं चल रहा है। जिससे वहां से लड़कियां दीवार फांदकर भागने को विवश हो रही हैं। बीते आठ मार्च को भागी 46 लड़कियों के मामले की जांच के दौरान अधिकतर लड़कियों ने बड़ा खुलासा किया है। आश्रम की चार दीवारी के अंदर बंद इन लड़कियों ने एक ही सुर में कहा है कि मैडम जी! हमें घर नहीं जाना, हमें आश्रम में नहीं रहना, हमें ससुराल भेज दो।
जांच अधिकारी और सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक विम्मी भुल्लर जब आश्रम पहुंची तो लड़कियों ने उन्हें घेर लिया। वे कहती हैं कि जांच में एक ही बात सामने आई कि लड़कियां आश्रम में अकेली रहती हैं, इस वजह से उनका मन आश्रम में नहीं लगता है। लड़कियां अपने ससुराल जाना चाहती हैं।
प्रशासन के सामने दिक्कत यह है कि अधिकतर लड़कियां नाबालिग हैं और उनकी शादी भी नहीं हो सकती है। कुछ लड़कियों को उनके माता-पिता के घर भेजने के लिए कहा गया, इस पर न तो उनके परिजन उन्हें ले जाने को तैयार हैं और न ही कोई लड़की माता-पिता के घर जाना चाहती हैं।
दीवार फांदकर भागी थीं 46 लड़कियां
आपको बता दें कि गांधी वनिता आश्रम से 8 मार्च की देर शाम अचानक 83 में से 46 लड़कियां गेट का दरवाजा और ताला तोड़कर भाग गई थीं। आश्रम कर्मचारियों की सूचना पर देर रात तक पुलिस ने सभी को पकड़ लिया था और वापस गांधी वनिता आश्रम में भेज दिया था। इस घटना के तीन दिन बाद 15 लड़कियां दोबारा एक-दूसरे से भिड़ गई थीं। जिससे माहौल तनाव भरा हो गया था।