चंडीगढ़। कांग्रेस की पंजाब इकाई में अभी तक पार्टी की ओर से कोई स्पष्ट भूमिका ना मिलती देख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अब बगावत के मूड में हैं? सिद्धू की ओर से अभी तक ऐसे कोई स्पष्ट संदेश तो नहीं दिए गए, लेकिन उनके कुछ हालिया दौरों से ऐसा लग रहा है कि वह राज्य इकाई के नेताओं को चुनौती देने के मूड में लग रहे हैं।
एक दशक तक अपने निर्वाचन क्षेत्र अमृतसर में सक्रिय रहने के बाद सिद्धू दंपति अब पंजाब के सीएम कैप्टन सीएम अमरिंदर सिंह के निर्वाचन क्षेत्र पटियाला में कई बार पहुंचे। आधिकारिक तौर पर तो वह जनता पर असर डालने वाले ‘मुद्दों को उठा रहे’ थे। उन्होंने दफ्तरों का उद्घाटन किया और लोगों से मिले। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सिद्धू राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बावजूद सिद्धू ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है कि वह मंत्रिमंडल में वापस आना चाहते हैं या नहीं। कैप्टन अमरिंदर ने अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी के साथ बैठक के बाद कहा था, ‘हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं और आगामी चुनावों के लिए उन्हें वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।’
अन्याय का खुलासा कर रहा हूं – सिद्धू
नवजोत सिद्धू का दावा है कि वह केवल ड्रग्स के शिकार लोगों के प्रति अन्याय का खुलासा करना चाहते हैं। उनका दावा है कि वह उन लोगों की मदद कर रहे हैं जिन्हें न्याय नहीं मिला है। इस बीच, उनकी पत्नी और अमृतसर पूर्व की विधायक नवजोत कौर को अक्सर यादविन्द्र कॉलोनी में अपने पति के पैतृक घर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते हुए देखा जाता है।
दिलचस्प बात यह है कि वह पटियाला (ग्रामीण) और सन्नौर निर्वाचन क्षेत्रों के दो विधानसभा क्षेत्रों में भी दिलचस्पी ले रही हैं। नवजोत कौर सिद्धू पंजाब में जाट महासभा की महिला शाखा की राज्य अध्यक्ष हैं, इसलिए उन्होंने ‘आधिकारिक तौर पर’ इस मंच का उपयोग दफ्तरों को खोलने और युवा नेताओं के साथ बैठकें करने के लिए चुना है।







