बठिंडा। पंजाब के बठिंडा के गांव विर्क कलां की पंचायत ने अनुसूचित जाति के राम सिंह को भैंसा चोरी करने के संदेह में एक साल पहले गांव से परिवार समेत निकाला गया था। रविवार को थाना सदर पुलिस ने गांव की पूरी पंचायत के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति से संबंधित राम सिंह करीब 10 वर्ष पहले गांव जवाहरेवाला जिला श्री मुक्तसर साहिब से विर्क कलां आया था। वहां जमीन जोतने का काम कर मेहनत से उसने अपना मकान भी बना लिया था। राम सिंह गांव में बने एक डेरे में सेवा भी करता रहा। करीब एक वर्ष पहले 10-11 फरवरी की मध्य रात्रि को डेरे से एक भैंसा चोरी हो गया। ग्रामीणों ने सीसीटीवी फुटेज निकलवाई तो डेरे में दो व्यक्ति आते नजर आए, जिनमें से एक व्यक्ति लंगड़ा कर चल रहा था। ग्रामीणों के अनुसार यह व्यक्ति राम सिंह था।
राम सिंह को जेल भी जाना पड़ा
राम सिंह इस बात से लगातार इंकार करता रहा कि वह इस चोरी में शामिल नहीं है। ग्रामीणों ने राम सिंह और दो अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज करवा दिया और राम सिंह को कुछ दिन जेल भी जाना पड़ा। राम सिंह की कुछ दिन बाद जमानत हो गई लेकिन पुलिस को न तो चोरी हुआ भैंसा मिला और न ही दोनों अज्ञात लोगों के बारे में किसी तरह की जानकारी मिली। जब राम सिंह जेल में था तो उसी दौरान 29 फरवरी 2020 को गांव का चौकीदार राम सिंह के घर एक नोटिस ले कर पहुंचा जिसको राम सिंह की पत्नी, बेटी और बेटा को थमा दिया।
नोटिस में लिखा कि राम सिंह का चाल चलन सही नहीं है, इसलिए 6 मार्च 2020 से पहले पूरा परिवार गांव छोड़ दे और यदि परिवार गांव नहीं छोड़ेगा तो उनका सामान गांव से बाहर रख दिया जाएगा। सारा परिवार 5 मार्च को ही घर छोड़ कर गांव जवाहरेवाला में आकर रहने लगा। जब राम सिंह जमानत पर बाहर आया और पंचायत से पूछा कि पहली बात तो उसने चोरी नहीं की और फिर भी जब उस पर मामला दर्ज करवा दिया गया। वह जेल भी जा आया इसके बाद परिवार को ऐसा नोटिस, जिसमें गांव से बाहर निकालने का अधिकार सरपंच को किसने दिया है। राम सिंह अब तक गांव जवाहरेवाला में बनाए एक अस्थायी कमरे में रह रहा है, जिसकी सीमेंट चादर की छत में से बरसाती मौसम में अक्सर पानी टपकता रहता है।
सरपंच की सफाई, ग्राम सभा में डाला गया था प्रस्ताव
राम सिंह के अनुसार उसको जेल में जानकारी मिली थी कि उसके परिवार के साथ ऐसा हुआ है। वह गांव जवाहरेवाला आए, पहले तंबू लगा कर रहने लगे और फिर यह कमरा डाला। राम सिंह कहता कि सरपंच सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के साथ सबंधित है। शिकायतें देने के बावजूद सरपंच पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। अब एससी-एसटी आयोग की तरफ से मामले में कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस को देने के बाद उन्हें इंसाफ की उम्मीद होने लगी है।
करीब पंद्रह दिन पहले राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य गोपाल चंद ने अपने साथी सदस्यों के साथ गांव विर्क कलां में दौरा कर राम सिंह के घर का जायजा लिया था। इसके बाद उन्होंने आयोग की ओर से की गई जांच में गांव विर्क कलां की पूरी पंचायत को आरोपी ठहराते हुए एसएसपी बठिंडा को पत्र लिखकर आदेश दिए कि राम सिंह को गांव से निकालने वाली पूरी पंचायत के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाए। राज्य अनुसूचित कमिशन का पत्र मिलने के बाद थाना सदर पुलिस ने गांव विर्क कलां की पूरी पंचायत के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर अगली कारवाई शुरू कर दी है।