Big Breaking : कोरोना के खिलाफ लड़ाई को केंद्र सरकार की बड़ी तैयारी, देश भर में लग सकती है 21 दिनों की ‘बंदिशें’, आर्मी को किया गया अलर्ट

Daily Samvad
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है। ‘कोरोना संक्रमण’ की चेन तोड़ने के लिए सारे देश में 21 दिन के लिए ‘बंदिशें’ लगाई जा सकती हैं। इस बार सेना और अर्धसैनिक बलों को अलर्ट कर दिया गया है। संभव है कि देश में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान सेना मोर्चा संभालेगी।

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। सरकार ने इस पर नियंत्रण करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है, लेकिन कोरोना के चलते मौतों में कमी नहीं आ रही है। राज्यों द्वारा अपनी समझ से लॉकडाउन या कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया जा रहा है। किसी राज्य में सख्त लॉकडाउन है तो कहीं पर आंशिक बंदिशें हैं। कुछ राज्यों में कंटेनमेंट जोन को लेकर भी स्पष्ट नीति नहीं है।

नहीं टूट पा रही कोरोना चेन

बेड, ऑक्सीजन सप्लाई और जरुरी दवाओं की कमी, कोरोना की लड़ाई में यह सब बड़ी बाधा के तौर पर उभरे हैं। इन सबके चलते कोरोना संक्रमण की चेन टूट नहीं पा रही है। दूसरी तरफ कोरोना की तीसरी लहर के अंतर्गत कोविड के नए नए स्ट्रेन जो मौजूदा वायरस के मुकाबले हजार गुना तेजी से फैलते हैं, उनके मौजूद होने की आशंका जताई जा रही है। इन सबके चलते केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है।

देश में लॉकडाउन को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। केंद्र सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन का फैसला राज्यों पर छोड़ दिया है। अगर सुप्रीम कोर्ट, कोरोना टॉस्क फोर्स, वैज्ञानिक और डॉक्टर, इन सबके द्वारा कही गई बातों का विश्लेषण करें तो कोरोना की चेन तोड़ने के लिए ‘संपूर्ण लॉकडाउन’ ही एकमात्र उपाय नजर आता है।

आंशिक लॉकडाउन से काम नहीं चलेगा 

एम्स भोपाल के निदेशक एवं वरिष्ठ विषाणुविज्ञानी डॉ. सरमन सिंह कहते हैं, देश को तीन सप्ताह के संपूर्ण लॉकडाउन की जरुरत है। इसके जरिए कोरोना के पीक को लंबा खिंचने से रोका जा सकता है। कई राज्यों में संपूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगाया जा रहा है। इससे काम नहीं चलेगा। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी कह चुके हैं कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है। इसे लॉकडाउन की मदद से तोड़ा जा सकता है।

एक राज्य में पूर्ण लॉकडाउन है और उससे लगते दूसरे प्रदेश में आंशिक लॉकडाउन है। इस तरह के हालात में कोरोना संक्रमण की चेन नहीं टूट पाएगी। तीन सप्ताह के लॉकडाउन से बेड, ऑक्सीजन सप्लाई और जरुरी दवाओं का इंतजाम बिना किसी देरी के हो सकेगा। ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में किसी तरह की देरी नहीं होगी

एंथनी फौसी ने भी दी यही सलाह

अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन के चिकित्सा सलाहकार और जाने-माने महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फौसी भी कुछ ऐसी ही सलाह दे चुके हैं। उनका कहना था कि भारत में जिस तेजी से कोरोना बेकाबू होता जा रहा है, उसे रोकने के लिए कई सप्ताह का लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। इसके जरिए संक्रमण के चक्र को तोड़ने में बड़ी मदद मिल सकती है। अगर भारत में ऐसा होता है तो इस कठिन और निराशाजनक स्थिति से निकलने के लिए सरकार को छोटे एवं दीर्घकालिक कदम उठाने का समय मिल जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा-लॉकडाउन पर गंभीरता से विचार करें

सुप्रीम कोर्ट ने भी रविवार को कहा है कि वैक्सीन के काम में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार, सेनाओं और अर्धसैनिक बलों के लिए काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का भी इस्तेमाल कर सकती है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि वे लॉकडाउन लगाने के बारे में गंभीरता से विचार करें।

देश में आए दिन ऐसी खबरें आ रही हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते दर्जनों मरीज दम तोड़ गए। ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय हवाई जहाज, ट्रेन और सड़क मार्ग के वीडियो जारी कर रहे हैं। वे दिखा रहे हैं कि ऑक्सीजन या कंटेनर आ रहे हैं। दूसरी ओर अस्पतालों में मरीज दम तोड़ रहे हैं।

पीएम मोदी ने की सीडीएस रावत व सेना प्रमुख से चर्चा

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी बताते हैं कि लॉकडाउन के मुद्दे पर एक अहम बैठक हुई है। इसमें राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर विचार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और वैज्ञानिकों के तर्क, भी उक्त बैठक में रखे गए हैं।  पीएम मोदी, सीडीएस बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे के साथ बैठक कर चुके हैं।

सेना की कौन सी इकाइयां कोरोना की जंग में उतरेंगी, इस पर चर्चा की गई है। सेना का चिकित्सा स्टाफ कहां पर नियुक्त किया जाएगा, आर्मी अस्पतालों में अलग से कोविड केयर सेंटर बनाना और संपूर्ण लॉकडाउन की रूपरेखा, आदि विषयों पर बातचीत हुई है। ऐसी संभावना है कि पीएम मोदी, संपूर्ण लॉकडाउन जो कि सेना के जरिए लागू होगा, उस बाबद सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से जल्द ही बातचीत कर सकते हैं।




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