Big News: किसान आंदोलन में शामिल लड़की के साथ टिकरी बॉर्डर पर टैंट में गैंगरेप, 4 किसान नेताओं सहित 6 पर FIR, जानकारी के बाद भी चुप रहे योगेंद्र यादव

Daily Samvad
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प्रतीकात्मक तस्वीर

बहादुरगढ़। हरियाणा पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में भाग लेने आई पश्चिम बंगाल की एक लड़की के साथ रेप होने का मामला दर्ज किया है. इस लड़की की पिछले दिनों ही कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि मेरी बेटी के साथ चार लोगों ने रेप किया है. लड़की के पिता की शिकायत पर शहर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

आईपीसी की धारा 365, 342, 354, 376 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने सभी आरोपियों पर सामूहिक दुष्कर्म के साथ-साथ अपहरण, ब्लैकमेलिंग, बंधक बनाने और धमकी देने की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने फिलहाल चार किसान नेता और दो आंदोलन से जुड़ी महिला वॉलंटियर को भी आरोपी बनाया है. इस मामले को लेकर किसान नेता लगातार पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।

बता दें कि लड़की के साथ कुछ गलत होने को लेकर कई दिनों से मामला गर्म था. लड़की की 30 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. मौत से तकरीबन चार दिन पहले लड़की को शिवम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. अब लड़की के पिता की शिकायत पर टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के लिए सोशल आर्मी चलाने वाले अनूप और अनिल मलिक समेत कुल 4 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

चार लड़के और दो लड़की भी आरोपी बनाई गई

लड़की 11 अप्रैल को आरोपियों के साथ पश्चिम बंगाल से दिल्ली आई थी. दिल्ली से टिकरी बॉर्डर पर आरोपियों के साथ ही पहुंची थीं. लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में काफी सक्रिय रहते थे. अनिल मालिक, अनूप सिंह, अंकुश सांगवान, जगदीश बराड़, कविता आर्य और योगिता सुहाग पर मामला दर्ज हुआ है।

पिछले कई दिनों से कई संगठनों के नेताओं के द्वारा इस मामले को जोर-शोर से उठाया जा रहा था. शनिवार को ही टीकरी बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की मीटिंग हुई थी. मामले की जांच के लिए डीएसपी की अगुवाई में तीन इंस्पेक्टर और साइबर सेल को मिलाकर एक एसआईटी का गठन किया गया है. शहर थाना प्रभारी के मुताबिक आरोपियों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।

किसानों ने निकाली थी शव यात्रा

बता दें कि इस युवती की कोरोना से मौत के बाद किसानों ने शव यात्रा निकाली थी, जबकि कोरोना संक्रमण से मौत के बाद एक निश्चित गाइडलाइन का पालन कर अंतिम संस्‍कार किया जाता है. किसानों ने कोरोना संक्रमित लड़की का शव निकाला तो संक्रमण का भी डर बना रहा था. कोरोना काल में यह किसान आंदोलन के बीच पहली मौत थी।

ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ दुष्‍कर्म का मामला तो दर्ज हो गया है तो दूसरी तरफ युवती के शव का अंतिम संस्‍कार भी कर दिया गया है. ऐसे में पुलिस के लिए यह चुनौती होगी कि वह रेप के आरोप को साबित करे. बता दें कि कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद मेडिकल भी नहीं किया जाता है।




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