डेली संवाद, जालंधर
कोरोना महामारी के बीच निजी अस्पतालों की मनमानी जिला प्रशासन के लिए चुनौती बनी है। सरकार की चेतावनी के बावजूद निजी अस्पतालों में मरीजों को परेशान किया जा रहा है। इसी कड़ी में जालंधर के एक अस्पताल पर ज्यादा पैसे वसूलने और सही ढंग से इलाज न करने के आरोप लगे तो जिला प्रशासन ने अस्पताल की कोविड केयर फैसिलिटी को रद्द कर दिया।
जालंधर के डीसी घनश्याम थोरी ने कहा कि जिला प्रशासन ने शमशेर अस्पताल में लेवल- 2 बेड सुविधा को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद अब शमशेर अस्पताल कोविड मरीजों को दाखिल नहीं कर सकेगा। इसके अलावा अस्पताल पर दवाइयों समेत अन्य खर्च के ज्यादा पैसे वसूलने के आरोपों की जांच के लिए भी एसडीएम-1, सिविल सर्जन व जोनल लाइसेंस अथॉरिटी पर आधारित एक कमेटी का गठन किया गया है। डीसी के आदेश के मुताबिक यह कमेटी तीन दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सबमिट करेगी। डीसी का कहना है कि जांच रिपोर्ट मिलने पर अगली कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल पर ज्यादा पैसे वसूलने का लगाया था आरोप
बीते दिनों जालंधर के शमशेर अस्पताल में मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। मृतक के परिजनों ने अस्पताल पर इलाज के दौरान दवाइयों और इंजेक्शन पर अधिक पैसे वसूलने का आरोप लगाया था। शिकायत मिलने पर डिप्टी कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में पाया गया कि मरीज को कोविड सेंटर में भर्ती तो किया गया लेकिन उसका आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं किया गया था। जांच में सामने आए सुबूतों के आधार पर अस्पताल में कोविड केयर सेंटर बंद करने की सिफारिश की गई थी। इसी के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।