Big News: स्वामी रामदेव के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत, इन धाराओं में दर्ज हो सकती है FIR

Daily Samvad
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नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) व याेग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के बीच विवाद थम नहीं रहा है। आइएमए उनके खिलाफ आक्रामक रूख अपनाए हुए है। पहले केंद्र सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग और फिर कानूनी नोटिस भेजने के बाद अब एसोसिएशन के महासचिव डा. जयेश लेने ने बृहस्पतिवार को आइपी स्टेट थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट के अलावा भारतीय दंड संहिता की एक दर्जन धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की है। एसोसिएशन ने उन पर मानहानि, कोरोना के इलाज को लेकर भ्रामक सूचना फैलाने व धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

कोरोना के दवा के रूप में कोरोनिल का प्रचार बंद करने का निर्देश

अपने 14 पेज की लिखित शिकायत में आइएमए के महासचिव डा. जयेश लेने ने कहा कि रामदेव ने पिछले साल जून में कोरोनिल को कोरोना के इलाज में कारगर बताकर प्रचारित किया। जबकि यह दवा किसी नियामक एजेंसी से स्वीकृत नहीं थी। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कोरोना के दवा के रूप में कोरोनिल का प्रचार बंद करने का निर्देश दिया।

इसके कुछ समय के बाद रामदेव ने कोरोनिल को साक्ष्य आधारित दवा बताकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से प्रमाणित होने का दावा किया। डब्ल्यूएचओ ने उनके इस दावे का खंडन किया था। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें रामदेव ने एलोपैथी को दिवालिया विज्ञान कहा था। इसके अलावा यह भी कहा था कि एलोपैथी दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई।

एलोपैथ के करीब 1200 डाक्टरों ने जान गंवाई

इस बयान ने लोगों के बीच भ्रामक संदेश गया। जबकि एलोपैथ की दवा से ही देश में कोरोना से पीड़ित करीब दो करोड़ 40 लाख लोग ठीक हुए हैं। कोरोना के खिलाफ इस जंग में एलोपैथ के करीब 1200 डाक्टरों ने जान गंवाई है। इससे पहले दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने भी दरियागंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने भी रामदेव को पत्र लिखकर उनके बयान पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद रामदेव अपने बयान पर सफाई भी दी थी।




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