डेली संवाद, जालंधर
जालंधर के स्पा सैंटरों में सैक्स रैकेट मामले में डेली संवाद का अहम खुलासा जारी है। स्पा सैंटर की आड़ में पिछले कई सालों से जालंधर शहर के कई इलाकों में सैक्स रैकेट का धंधा चल रहा है। यह डेली संवाद नहीं, बल्कि एडीजीपी इंटलीजैंस की रिपोर्ट कह रही है। एडीजीपी इंटलीजैंस ने अपनी रिपोर्ट पर जालंधर के पुलिस कमिश्नर को स्पा सैंटर में चल रहे सैक्स रैकेट को बंद करवाने के लिए पत्र भी लिखा। लेकिन यह पत्र थाना-7 में आकर दम तोड़ गया।
जालंधर के क्लाउड स्पा सैंटर में गैंगरेप में कई खुलासे हो रहे हैं। डेली संवाद के पास अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। इस दस्तावेजों में 11 फरवरी 2020 का एक दस्तावेज यह भी है कि यह सैक्स रैकेट जालंधर से लेकर चंडीगढ़ में बैठे पुलिस के उच्च अधिकारियों के नालेज में है। जिससे एक शिकायत के बाद एडीजीपी इंटैलीजेंस ने सैक्स रैकेट के धंधे पर सख्त कार्यवाही के लिए जालंधर के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था।
देह व्यापार के धंधे को तत्काल बंद करवाए पुलिस
डेली संवाद को मिले दस्तावेजों मेें इस पत्र में एडीजीपी इंटलीजेंस ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख कहा कि जालंधर के पीपीआर माल में स्पा सैंटर की आड़ में देह व्यापार का धंधा किया जा रहा है, जिसका मास्टर माइंड आशीष नाम का युवक बताया जा रहा है। इस देह व्यापार के धंधे को तत्काल बंद करवाने के लिए जालंधर पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा।
पत्र के मुताबिक पुलिस कमिश्नर ने एसीपी माडल टाउन को जांच और कार्यवाही के लिए भेजा। यहां से एडीसीपी और उसके बाद एसएचओ थाना डिवीजन-7 को भेजी गई। लेकिन इसके बाद यह पत्र फाइलों में दम तोड़ गया। चूंकि पीपीआर माल एरिया थाना-7 में आता है, इसलिए थाना-7 के एसएचओ से जांच और कार्यवाही के लिए लिखा गया। लेकिन पीपीआर माल में स्पा सैंटर की आड़ में देह व्यापार का धंधा चलता रहा।
पीपीआर माल में जिस आशीष ने स्पा सैंटर की आड़ में सैक्स रैकेट चला रहा था, उसी आशीष ने माडल टाउन में एक कांग्रेसी नेता की इमारत में क्लाउड स्पा सैंटर खोल दिया। इस स्पा सैंटर में एक 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया गया। इसमें आशीष समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक साल से क्यों नहीं हुई कार्रवाई
सैक्स रैकेट और स्पा सैंटरों से जुड़े लोग कितने ताकतवर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 10 फरवरी 2020 को एडीजीपी इंटलीजैंस द्वारा कार्यवाही के लिखे गए पत्र पर न तो कोई जांच हुई और न ही स्पा सैंटर को बंद करवाया गया। जिससे आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि स्पा सैंटरों में किस तरह से सफेदपोश और वर्दीधारी अधिकारी संलिप्त हैं।