डेली संवाद, जालंधर
नगर निगम जालंधर के खजाने पर निगम के कुछ अधिकारी और कौंसलर ही डाका डाल रहे हैं। जो पैसा नगर निगम के खजाने में फीस के रूप में जमा होना था, वह पैसा रिश्वत के नाम पर अधिकारियों और कुछ कौंसलरों के जेब में जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि मेयर जगदीश राजा भी इस गठजोड़ को तोड़ नहीं पा रहे हैं। जिससे शहर में अवैध निर्माणों की बाढ़ आ गई है।
अवैध निर्माण को कैसे और किस दिन करना है, इसकी पूरी जानकारी नगर निगम के संबंधित अधिकारी देते हैं। जिससे शहर में रिहाइशी ही नहीं, कामर्शियल बिल्डिंग भी अवैध तरीके से बन रही हैं। बस स्टैंड से गढ़ा रोड पर डिफेंस कालोनी की मोड पर ऐसी ही अवैध रूप से कामर्शियल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। अगर कामर्शियल के रेट से फीस जमा की जाती तो नगर निगम के खजाने में लाखों रुपए जमा होने थे।
पिछले कई महीने से इस बिल्डिंग का काम नगर निगम ने रोका था। लेकिन रविवार से इस बिल्डिंग में दोबारा काम शुरू हो गया। बिना परमीशन और नक्शे के अवैध रूप से कामर्शियल इमारत के निर्माण से नगर निगम के खजाने को जहां लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है, वहीं इमारत मालिक को किसी कार्रवाई का भी डर नहीं है।
रिहाइशी नक्शा पास, कामर्शियल बनी को ढहा देंगे – एटीपी
इस संबंध में जब एसटीपी परमपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एटीपी राजिंदर शर्मा इस इमारत के बारे में ज्यादा बता सकते हैं। हालांकि एटीपी राजिंदर शर्मा ने कहा कि उक्त बिल्डिंग का रिहाइशी नक्शा पास है। बिल्डिंग मालिक ने नगर निगम में एफिडेविट दिया है कि वह कामर्शियल निर्माण नहीं करेगा। इसके बाद निर्माण करने की अनुमति दी गई है। एटीपी शर्मा ने कहा कि अगर उक्त बिल्डिंग में किसी तरह का कामर्शियल निर्माण हुआ तो उसे ढहा दिया जाएगा।