राजपुरा। राजपुरा में उग्र किसानों द्वारा बंधक बनाए बनाए गए भाजपा नेताओं को छुड़ाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस पर गुस्साए प्रदर्शनकारियाें ने पुलिस व भाजपा नेताओं पथराव किया। हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने हाई कोर्ट के आदेश पर प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा बंधक बनाए गए भाजपा नेताओं को छुड़ाने के लिए कार्रवाई की। बाद में पुलिस भाजपा नेताओं को छुड़ाकर ले गई। किसान अब सड़क जाम करने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले रविवार को किसानों ने पंजाब के राजपुरा में बैठक कर रहे भाजपाइयों के साथ मारपीट की और शाम को जिला सचिव के घर पहुंचे वरिष्ठ नेताओं को बंधक बना लिया। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने पंजाब के राजपुरा में बैठक कर रहे भाजपाइयों के साथ मारपीट की और शाम को जिला सचिव के घर पहुंचे वरिष्ठ नेताओं को बंधक बना दिया। किसानों ने घर की बिजली काट दी।
तड़के करीब 3.30 बजे पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज
इसके बाद तड़के करीब 3.30 बजे पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने का प्रयास किया। इस पर प्रदर्शनकारी किसान भड़क गए। पुलिस सुरक्षा घेरे में ले जा रहे भाजपाइयों को किसानों ने पानी से भरी बोतलें व पत्थर मारने शुरू कर दिए। इससे कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने मकान की छत से गमले फेंकने शुरू कर दिए। इससे नीचे सुरक्षा में खड़ा कमांडो गंभीर घायल हो गया। उसे उपचार के लिए अस्पताल दाखिल करवाया गया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों के शीशे भी तोड़ डाले। बता दें कि इससे पहले प्रदेश भाजपा रात में ही पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गई।
किसान पीछे हटने को बिल्कुल ही तैयार नहीं थे
अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सुवीर सहगल की पीठ ने रात करीब साढ़े बारह बजे बंधक बने भाजपा नेताओं को सुरक्षित निकालने का आदेश दिया और ताकीद की कि इस दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस किसान नेताओं को समझाया। रातभर माहौल तनावपूर्ण बना रहा। हाई कोर्ट ने सोमवार दो बजे तक प्रशासन से कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा था। रात को किसान नेता रजामंदी के लिए राजी हो गए हैं। डीसी 12 किसान नेताओं को भाजपा नेताओं के साथ बैठक करने के लिए अंदर ले गए।
किसान नेताओं को समझाने के लिए एडीजीपी ला एंड आर्डर खुद पहुंचे, लेकिन किसान पीछे हटने को बिल्कुल ही तैयार नहीं थे। रात पौने तीन बजे किसान नेता भाजपा नेताओं से बैठक के लिए राजी हो गए। डीसी 12 किसान नेताओं को भाजपा नेताओं के साथ बैठक करने के लिए अंदर ले गए। वहीं, किसानों ने आसपड़ोस के घरों की छतों पर भी डेरा जमाया हुआ था, ताकि कोई भी पीछे से न निकल सके। बंधक लोगों में तीन महिलाओं, दो बच्चों सहित 17 लोग शामिल थे।