डेली संवाद, जालंधर
जालंधर में एक मंत्री के नाम पर लूट मची हुई। ये लूट कोई और नहीं, बल्कि नगर निगम के कुछ कमर्चारी और अधिकारी, विज्ञापन ठेकेदार से सांठगांठ कर मचा रखी है। इस अधिकारी का रसूख इतना है कि मेयर जगदीश राजा और सभी कौंसलरों के विरोध के बावजूद शहर में अवैध रूप से विज्ञापन लगाए गए। हनक इतनी है कि मेयर ने चाहकर उसका एक ब्रांच तक वापस नहीं ले सके। पहुंच इतनी है कि पिछले चार साल में 10 करोड़ की चपत लगवाने पर भी सरकार इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पा रही है। अब पिरामिड कालेज और लिमका कंपनी के विज्ञापनों के बोर्ड भी नगर निगम के खजाने को चोट पहुंचा रहे हैं। लेकिन मेयर लाचार हैं, कौंसलर बेबस दिख रहे हैं।
भाजपा पार्षद वरेश मिंटू का आरोप है कि इसमें अफसरों की मिलीभगत है और नगर निगम को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है। मिंटू ने माडल टाउन जोन में लगे यूनीपोल की कुछ लोकेशन भी जारी की है, जिसमें नियमों को तोड़ कर चौक और जंक्शन पर यूनीपोल लगाए गए हैं। चौराहों में यूनीपोल नहीं लग सकते। यूनीपोल को गलत एंगल से लगाया गया है और यह सड़क पर आ रहे हैं, जिससे हादसे का खतरा है। जो लोकेशन नगर निगम ने तय की थी उसकी बजाय ठेकेदार ने अपनी मर्जी की लोकेशन पर यूनीपोल लगा दिए हैं। भाजपा पार्षद ने कहा कि इसी ठेकेदार ने एक साल पहले भी गड़बड़ी की थी, लेकिन निगम अफसरों ने करोड़ों रुपये के घोटाले को दो लाख रुपये का जुर्माना लगा कर दबा दिया था।
चौराहे से 100 मीटर की दूरी पर ही यूनीपोल लग सकता है
वरेश मिंटू ने कहा कि नियमों के मुताबिक चौराहे से 100 मीटर की दूरी पर ही यूनीपोल लग सकता है। दूसरा जरूरी नियम यह है कि दो यूनीपोल में कम से कम 200 फुट की दूरी होनी चाहिए। ठेकेदार ने इन नियमों को तोड़ा है। निगम की तय लोकेशन बदल कर चौराहों में यूनीपोल लगाए गए हैं, साथ ही एक साथ एक से जयादा यूनीपोल लगा दिए गए हैं। इससे आने जानों वालों को ध्यान भंग होने से एक्सीडेंट होने का खतरा बढ़ गया है। विज्ञापन एडहॉक कमेटी की चेयरपर्सन नीरजा जैन ने मॉडल टाउन में विज्ञापन साइटों का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने अनियमितता पकड़ी कि तय संख्या से ज्यादा यूनीपोल लगे हैं और उनका साइज भी बड़ा है। उन्होंने इसमें करीब 4 करोड़ के घोटाले की आशंका जताई थी।
ज्वाईंट कमिशनर हरचरण सिंह की मौजूदगी में शहर में लगाए गए यूनीपोल का मौका दिखाया था जिसमें बस स्टैंड, पिमस, माडल टाउन मार्किट, गीता मंदिर, अर्बन एस्टेट, पीएपी चौंक, बीएसएफ चौक सहित ज्यादातर जगहों पर लगे यूनिपोल एडर्वटाईजमैंट बाईलाज की उलंघना करके लगाए पाए गए। मगर बार बार शिकायतों के बावजूद विज्ञापन शाखा की ओर से ठेकेदार के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की जा रही थी।
मेयर और कौंसलर बेबस हैं
एग्रीमैंट की शर्त नंबर 15,23,25,28,30,31 और 48 का ठेकेदार ने पूरी तरह से उलंघन कर अपनी फर्म को फायदा पहुंचाकर निगम के साथ धौखा किया है। इसी तरह ज्यादातर यूनिपोल चौराहों के कार्नर प्वाईंट्स पर लगाए गए और कई चौराहों में 6 यूनिपोल लगाए गए जोकि बाईलाज का उलंघन है। इनमें से कई यूनिपोल का साईज तयशुदा साईज से अधिक है। बाईलाज अनुसार यूनिपोल की आपसी दूरी 90 फुट होनी जरुरी है। इसी तरह बोर्ड के फ्रेम के बीच आपसी दूसरी 225 फुट होनी चाहिए। निगम द्वारा अलाट किए गए यूनिपोल का साईज 20 फुट बाई 10 फुट है। मगर ठेकेदार द्वारा मौके पर ज्यादातर यूनिपोल पर 2 फुट का फ्रेम लगाकर साईज को बड़ा कर दिया गया है। जिसकी मंजूरी नहीं है।
मेयर जगदीश राजा ने पूरे हाउस की सहमित से टैंडर रद्द कर सरकार को भेजा था। लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया। दूसरी तरफ विज्ञापन कंपनी क्रिएटिव डिजाइन ने शहर के प्राइम लोकेशन पर होर्डिंग लगा रखा है। इसमें लिमका कंपनी से लेकर पिरामिड कालेज और तमाम तरह की कंपनियों के बोर्ड शामिल हैं। इस संबंध में नीरजा जैन ने कहा है कि आज होनी वाली हाउस की बैठक में इस मुद्दे को दोबारा रखा जाएगा। दूरी तरफ भाजपा पार्षद वरेश मिंटू ने कहा कि एक कर्मचारी के आगे पूरा हाउस बेबस नजर आ रहा है। ये सरासर हमारी तौहीन है, निगम हाउस की तौहीन है।