पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया ने कैप्टन सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- 125 करोड़ घोटाले में चीफ सैक्रेटरी समेत कैबिनेट मंत्री इस्तीफा दें

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर
पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया ने कहा है कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार घोटालों की सरकार है। आबकारी एवं कराधान विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्थानीय शासन विभाग में घोटालों के बाद उद्योग विभाग में 125 करोड़ का एक और घोटाला जेसीटी इलेक्ट्रॉनिक्स (JCT Electronics) की 31 एकड़ जमीन की बिक्री पर महाधिवक्ता (Advocate General) की कानूनी राय से सामने आया है।

उन्होंने कहा कि श्रीमती विनी महाजन तत्कालीन ACS उद्योग विभाग और अब मुख्य सचिव के हस्ताक्षर के साथ एकल बोली की कार्योत्तर स्वीकृति की मुहर शुरू की गई थी। पंजाब इंफोटेक (Punjab Infotech) ने जब 31 एकड़ का प्लॉट 99 साल की लीज पर दिया था तो बोली की रकम पंजाब इंफोटेक को देनी चाहिए थी।

बोलीदाता ने सीधे पीएसआईईसी को भुगतान करने की पेशकश की

GRG डेवलपर्स के बजाय, बोलीदाता ने सीधे पीएसआईईसी को भुगतान करने की पेशकश की और इसलिए जीआरजी डेवलपर्स द्वारा त्रिपक्षीय समझौते की पेशकश का सुझाव दिया गया जिसे पीएसआईईसी (PSIEC)ने स्वीकार कर लिया था और एआरसीआईएल(ARCIL) को त्रिपक्षीय समझौते के बारे में सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करने के बारे में बता दिया था परन्तु पंजाब इंफोटेक को इसके बारे में भरोसे में नहीं लिया

जबकि पंजाब इन्फोटेक और पीएसआईईसी दोनों राज्य प्रायोजित निकाय (State Sponsored Bodies) हैं, तो बोलीदाता के पास पीएसआईईसी के हितों की रक्षा के लिए त्रिपक्षीय समझौते की पेशकश करने का कोई अधिकार नहीं है। इसका मतलब है कि इस सौदे में कुछ गड़बड़ है।

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जेसीटी इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लॉट की नीलामी के संबंध में एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया लिमिटेड (एआरसीआईएल) द्वारा एकल बोली की स्वीकृति एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। जब सरकार की ओर से किसी भी नीलामी/अनुबंध में एकल बोली को स्वीकार नहीं करने का सामान्य निर्देश है, तो उक्त नीलामी में एक ही बोली को क्यों स्वीकार किया गया?, उक्त भूखंड की पुन: नीलामी क्यों नहीं की गई?

श्री कालिया ने मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन के इस्तीफे की मांग की क्योकि श्रीमती विनी महाजन के मंज़ूरी के बाद ही घोटाले कि शुरुवात हुई थी, नीलामी रद्द करने और सीबीआई से जांच करवाने की श्री कालिया ने मांग की है ताकि घोटाले में सम्लित बड़े अधिकारीयों का कच्चा चिठा सामने लाया जा सके ।

पंजाब के एजी ने खोली सबकी पोल

श्री कालिया ने आगे कहा कि पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने उद्योग मंत्री श्री सुंदर शाम अरोड़ा और मुख्य सचिव विनी महाजन को आरोपित किया है और दूसरी ओर श्री सुनील जाखड़ पूर्व अध्यक्ष पीपीसीसी ने स. गुरमीत सिंह राणा सोढ़ी के खिलाफ दोहरे मुआवजे के मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि श्री गुरमीत सिंह सोढ़ी ने 15 कनाल 6 मरला भूमि फ़िरोज़पुर का मुआवज़ा पहले 1962 में 7383 रूपये लिया और बाद में पंजाब सरकार पर केस करके 183 करोड़ रुपये उसी भूमि का मुआवज़ा पंजाब सरकार से लिया।

श्री कालिया ने स. गुरमीत सिंह राणा सोढ़ी, खेल और युवा मामले मंत्री, एनआरआई मामले, उद्योग मंत्री, श्री सुंदर शाम अरोड़ा, और मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन को बर्खास्त करने की मांग की। इस मौके पर मुख्य रुप से उपस्थित भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील शर्मा, पूर्व मेयर सुनील ज्योति, पूर्व जिलाध्यक्ष रमन पब्बी, अश्वनी दीवान हैप्पी, रजत महेंद्रु, अमित भाटिया, बृजेश शर्मा, गोपाल कृष्ण सोनी, कुलवंत शर्मा उपस्थित थे।

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