डेली संवाद, जालंधर
जालंधर के मेयर जगदीश राजा, लाचार हैं। बहुत लाचार हैं। अगर आपको यकीन नहीं होता, तो इस खबर को पूरी पढ़ना और इसके साथ लगी तस्वीर को गौर से देखना, आपको पूरा यकीन हो जाएगा, कि वाकई मेयर जगदीश राजा बहुत ही लाचार हैं। लाचारी की गवाह जालंधर की वे सड़कें हैं, जो एक साल पहले करोड़ों रुपए से बनी थी, जि अब पूरी तरह से टूट गई हैं और उसमें गड्ढे पड़ गए हैं। लाचारी यह है कि नगर निगम में दो एसई के साथ एक्सईएन और इंजीनियरों की पूरी फौज के खिलाफ मेयर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
जालंधर में एक साल पहले करोड़ों रुपए से बनी सड़कों का बुरा हाल है। इन सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे पड़ गए हैं या फिर ये सड़कें पूरी तरह से उखड़ गई हैं। ये सड़कें मेयर जगदीश राजा के नेतृत्व वाले मेयरशिप पर भी सवाल खड़ा कर रही हैं कि जिम्मेदार अफसरों औऱ इंजीनियरों के खिलाफ कोई जिम्मेदारी क्यों नहीं तय हो पा रही है।
कांग्रेसी कौंसलरों ने ही मेयर से मांगा इस्तीफा
हैरानी तो इस बात की है कि पिछले दिनों निगम हाउस की बैठक में भाजपा के साथ साथ सत्तापक्ष के पार्षदों ने भी मेयर जगदीश राजा पर भ्रष्टाचारी अफसरों को संरक्षण देने का आऱोप लगाकर इस्तीफा मांगा। मेयर जगदीश राजा से उनकी ही पार्टी के कौंसलरों ने कहा कि अगर करप्शन पर रोक नहीं लगा सकते तो, मेयर के पद से इस्तीफा दे दो।
अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक केडी भंडारी ने कहा है कि कांग्रेस के विधायक, पार्षद और मेयर कोई भी शहर तथा जनता की तरफ ध्यान नहीं दे रहा। अभी दो दिन पहले ही शहर ने इनकी आपस की लड़ाई निगम की मीटिंग में देखी थी। सोढ़ल रोड बनने के कुछ दिन बाद ही इसमें दिक्कत आनी शुरू हो गई थी। तब भी मैने मांग की थी इसकी जांच होनी चाहिए।
केडी भंडारी ने कहा है कि कल हुई बारिश में ये सड़क कई जगह से धंस गई है। घटिया सड़क निर्माण के लिए कारवाही होनी चाहिए। विधायक और पार्षद भी अपनी जिम्मेदारी से नही भाग सकते। उन्होंने कहा कि नगर निगम में इस समय भ्रष्टाचार चरम पर है। जो सड़कें पांच साल के लिए बनी थी, वह एक साल में ही टूट गई।
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