डेली संवाद, जालंधर
केंद्र सरकार ने शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए 2015 में स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट शुरू की थी। जिसके लिए जालंधर को 2016 में चयन किया गया। केंद्र सरकार ने जालंधर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 938 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की मंजूरी दी। लेकिन पिछले चार साल में अफसरों ने स्मार्ट सिटी के काम में बट्टा लगा दिया। अकाली-बसपा नेताओं ने आज ज्वाइंट कमिश्नर से कहा कि जिस अफसर पर हमारे कौंसलर चोर डाकू और भ्रष्टाचारी का इल्जाम लगाया, उन्हीं को ये प्रोजेक्ट दे दिया गया।
सरकारी रिकार्ड के मुताबिक अब तक 45 करोड़ रुपए के काम पूरे हुए हो चुके हैं। 414 करोड़ रुपए से काम चल रहे हैं। लेकिन करोड़ों रुपए के इस प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर धांधली हो रही है। धांधली ऐसी कि कोई अफसर बोलने के तैयार नहीं है। इस प्रोजेक्ट में उन्हीं अफसरों के हवाले कर दिया गया, जिस पर नगर निगम में रहते करप्शन, डाकू और न जाने क्या क्या आरोप लगे थे। ये आरोप भाजपा के कौंसलरों ने निगम सदन में लगाया था। बावजूद, इसके कंपनी के सीईओ की इतनी मेहरबानी हुई कि इन्हीं अफसरों को 938 करोड़ रुपए से काम करने का जिम्मा सौंप दिया।
अफसरों पर करप्शन के चार्जेज उनके ही कौंसलर लगाते रहे
अप इससे खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जिन अफसरों पर करप्शन के चार्जेज उनके ही कौंसलर लगाते रहे हों, उन्ही के हाथों में करोड़ों रुपए के प्रोजैक्ट सौंपेंगे, तो क्वालिटी की क्या उम्मीद रखते होंगे। फिलहाल अकाली दल और बसपा ने आज स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट में हो रहे घपले को लेकर नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर अमित सरीन को मांग पत्र सौंपा।
अकाली-बसपा नेताओं का आरोप है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जालंधर को नरक बना दिया गया है। पिछले चार साल में कोई काम पूरा नहीं हुआ। इसमें जमकर धांधली की गई है और केंद्र सरकार के पैसे का बंदरबांट किया गया। इसे लेकर अकाली दल के जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण के साथ चंदन ग्रेवाल और बसपा के नेताओं ने नगर निगम में नारेबाजी की।
स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट पर एक नजर
शहरों में विकास की गति तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने जून 2015 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की घोषणा की। एक साल बाद यानी 2016 में ही जालंधर भी पहले 100 स्मार्ट सिटी की प्लानिग लिस्ट में शामिल हो गया। प्रोजेक्ट को करीब पांच साल हो गए लेकिन अभी पांच फीसदी काम ही हो पाया। पांच साल तक स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्लानिग और पेपर वर्क तो खूब हुआ लेकिन ग्राउंड लेवल पर नतीजा दिखा नहीं।
कई प्रोजेक्ट तो खुद कांग्रेस के निशाने पर हैं ऐसे में 8 से भी कम महीने बाद होने वाले चुनाव में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स का स्थानीय लेवल पर एक बड़ा मुद्दा बनना तय है। स्मार्ट सिटी की धांधली और अफसरों के लूट, पंजाब कांग्रेस को इस चुनाव में मुश्किल में डाल सकता है।
938 करोड़ के कुल प्रोजेक्ट
- 45 करोड़ के ही पूरे हुए
- 414 करोड़ के 21 काम चल रहे।
- 91 करोड़ के टेंडर लगे
- 388 करोड़ का काम प्लानिग में
ये काम पूरे, लेकिन जमकर धांधली
- 140 स्कूलों में स्मार्ट ई-क्लास बनाई
- शहर में दिशा एवं मार्ग सूचक बोर्ड लगाए
- 26 सरकारी इमारतों पर रुफ टॉप सोलर पैनल लगाए। (बिजली की पैदावर अभी शुरू नहीं हुई)
- रेलवे स्टेशन की फेस लिफ्टिग, फुट ओवर बिज, (ग्राउंड लेवल पर अभी काम पूरा नहीं)
- 18 प्लास्टिक बॉटल क्रशिग मशीन
- 76 सैनेटरी नेपकिन वेंडिग मशीन
- जेटिग कम सक्शन मशीन
- कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की बिल्डिंग बनाई
414 करड़ो से 21 काम चल रहे
- 50 सरकारी इमारतों में रेन वाटर हार्वेसिग सिस्टम
- सरफेस वार्टर प्रोजेक्ट
- एलईडी लाइट्स प्रोजेक्ट
- 120 फुट रोड पर बरसाती सीवर
- 11 चौक का सुंदरीकरण
- सिटी लेवल डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट
- 6 पार्क और 3 फ्लाईओवर्स के नीचे ग्रीन एरिया
- नहर का सुंदरीकरण
- रैणक बाजार में तारों की डक्टिग
- सीएंडडी वेस्ट प्लांट
- गुरु नानक देव लाइब्रेरी की डिजीटलाइजेशन दो हिस्सों में
- अर्बन एस्टेट की सड़क
- वरियाणा डंप से कूड़ा खत्म करने के लिए बायोमाइनिग प्रोजेक्ट
- शहर की पांच सड़कों को स्मार्ट रोड बनाना
- बर्ल्टन पार्क में स्पोर्टस कंप्लेक्स
- ट्रैफिक मैनेजमेंट और फुटपाथ
- पार्कों को सुंदरीकरण
- यूआईडी नंबर प्लेट्स
- काला संघिया ड्रेन में सफाई के लिए पोकलेन मशीन व अन्य छोटे प्रोजेक्ट
12 डीपीअर एंड प्लानिग स्तर पर
- शहर में कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट
- गुरु नानकपुरा, गढ़ा रोड पर रेल ओवर बिज
- स्ट्रीट वेंडिग जोन
- आंगनबाड़ी सेंटरों का विकास
- सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किए पानी का रियूज करो का प्रोजेक्ट
- काला संघिया ड्रेन का सुंदरीकरण
- ग्रीन एरिया डेवलपमेंट
- फुटबाल चौक से गाखल पुली तक स्मार्ट रोड
- साइकिल ट्रैक
- सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कंपलेक्टर्स
- सुभाना में रेल अंडरब्रिज
भाजपा और कांग्रेस का आरोप, हो रही है धांधली
स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट को लेकर पंजाब सरकार और नगर निगम विपक्षी दलों के निशाने पर आ चुके हैं। भाजपा और अकाली दल इसके खिलाफ लगातार मोर्चा खोलते आ रहे हैं और आने वाले दिनों में यह मामला और भड़केगा। भाजपा नेताओं ने एक दिन पहले ही स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रोजेक्ट में करप्शन के गंभीर आरोप लगाए हैं और इसके खिलाफ केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को शिकायत देने की तैयारी कर ली है। स्मार्ट सिटी कंपनी के काम को लेकर कांग्रेस के नेता भी ज्यादा खुश नहीं है लेकिन अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा करना मुश्किल हो रहा है।
ज्वाइंट कमिश्नर ने एक हफ्ते की मांगी मोहलत
नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर अमित सरीन ने आज अकाली-बसपा का ज्ञापन लेते हुए कहा कि एक हफ्ते का समय दो। इस दौरान कामों की जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जहां काम रुके पड़े हैं, उन्हें जल्द शुरू किया जाएगा।