नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को राज्यसभा में एक हैरतअंगेज घटनाक्रम में महासचिव की मेज पर चढ़कर उस पर कब्जा कर लिया और कानूनों के विरोध में जोरदार नारेबाजी की, जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इस बीच उपसभापति ने सदन में उत्पन्न स्थिति के समाधान के लिए विपक्षी दलों के नेताओं को अपने चैंबर में बातचीत के लिए बुलाया है।
कृषि कानूनों और पेगासस जासूसी मामले को लेकर इससे पहले भी सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे तक और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस पार्टी के प्रतापसिंह बाजवा, माक्र्सवादी पार्टी के श्री शिवदासन और भाकपा के विनय विश्वम ने मेज पर बैठकर जोरदार नारेबाजी की। बाद में उनके साथ तृणमूल कांग्रेस की मौसम नूर भी मेज पर बैठ गयी ।
सभी विपक्षी दल एकजुट
कांग्रेस के रिपुन बोरा, दीपेन्द्र हुड्डा और कांग्रेस के राजमणि पटेल भी मेज पर खडे हो गए। दो बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर उप सभापति भुवनेश्वर कलिता ने जब कृषि से संबंधित समस्याओं और इनके समाधान पर अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करायी तो विपक्षी सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। उपसभापति ने हंगामे के बीच ही भाजपा के विजय पाल सिंह तौमर को चर्चा शुरू करने को कहा।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुनेत्र कषगम, वामदल और आम आदमी पार्टी के सदस्य इसके विरोध में सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के सदस्य भी अपनी सीट के निकट खड़े होकर नारे लगाते दिखायी दिए। चर्चा के दौरान अचानक हुए घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह वहां तैनात मार्शलों को चकमा देकर महासचिव की मेज पर चढ गए। उनके साथ कुछ अन्य सदस्यों ने भी मेज पर चढने की कोशिश करने लगे जिसके कारण सदन में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
महासचिव दीपक देश वर्मा को वहां से सुरक्षित निकाला
वहां तैनात चार पांच मार्शल श्री सिंह को हाथ से पकड़कर खींचते हुए मेज से उतारने लगे, जिसका श्री सिंह ने प्रतिरोध किया, लेकिन मार्शलों ने उन्हें जबरदस्ती मेज से नीचे खींच लिया। इसी बीच श्री कलिता ने दो बजकर 20 मिनट पर सदन की कार्यवाही मिनट के लिए स्थगित कर दी। मार्शलों ने महासचिव दीपक देश वर्मा को वहां से सुरक्षित निकाला। कुछ और सदस्य भी महासचिव की मेज पर चढ़ गए।