चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने विधायक परगट सिंह को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के महासचिव (संगठन) नियुक्त किया है। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह को सिद्धू के काफी करीबी और कैप्टन के विरोधी माने जाते हैं। परगट सिंह को महासचिव नियुक्त किए जाने के पत्र में सिद्धू ने एक बार फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह को दरकिनार किया।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि वे कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी, एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत की अनुमति से परगट सिंह को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के महासचिव (संगठन) नियुक्त करते हैं।
कैप्टन के खिलाफ जब सिद्धू ने आवाज उठाई तो सबसे पहले उनका समर्थन परगट सिंह ने ही किया था। इससे पहले सिद्धू अपने लिए चार सलाहकार नियुक्त कर चुके हैं। हालांकि पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने उनका सलाहकार बनने से मना कर दिया था।
नवजोत सिंह सिद्धू एक बड़ा चेहरा
जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह का मानना है कि नवजोत सिंह सिद्धू एक बड़ा चेहरा हैं। अगर कांग्रेस उनके नेतृत्व में पंजाब में चुनाव लड़ती है तो इसका बड़ा फायदा पार्टी को मिलेगा। परगट सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों ही खेल जगत से राजनीति में आए हैं और दोनों में अच्छी खासी दोस्ती भी है। यही वजह है कि सिद्धू के साथ अक्सर परगट सिंह भी कैप्टन की आलोचना करते रहे हैं। कैप्टन की खुलेआम खिलाफत और सिद्धू से नजदीकियों के कारण ही परगट सिंह को पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है।
पहले माना जा रहा था कि पंजाब में आने वाले विधानसभा चुनाव में परगट सिंह की जालंधर कैंट सीट से टिकट कट सकती है। लेकिन अब सिद्धू ने जिस तरह से बड़ी जिम्मेदारी परगट सिंह को सौंपी है, उससे साफ है कि अब फिर परगट सिंह का राजनीतिक करिअर उड़ान भरेगा और उन्हें दोबारा से जालंधर कैंट की टिकट मिल सकती है।