डेली संवाद, जालंधर
जालंधर में लगातार पांच दिन से चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन आज खत्म हो गया। किसानों के इस धरना प्रदर्शन को खत्म करवाने के पीछे कांग्रेस के दिग्गज नेता राणा गुरजीत सिंह और दोआबा के उभरते दलित नेता व जालंधर से विधायक सुशील रिंकू का अहम योगदान रहा है।
सूत्र बता रहे हैं कि राणा गुरजीत सिंह और सुशील रिंकू गन्ना के रेट को बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की और जालंधर के ताजा हालात के बारे में उन्हें अवगत करवाया था। आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह का मुख्य पेशा शुगर मिल है। शुगर मिल के मालिक होने के नाते राणा गुरजीत सिंह की गन्ना किसानों में अच्छी पैठ है।
कैप्टन के सबसे नजदीकी है राणा
एक समय था जब राणा गुरजीत सिंह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सबसे नजदीकी मंत्रियों में से एक थे। लेकिन खनन मामले से नाम जुड़ने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को मजबूरन राणा गुरजीत सिंह से इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय राणा गुरजीत सिंह बिजली मंत्री हुआ करते थे।
राणा गुरजीत सिंह के इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बिजली मंत्रालय नवजोत सिंह सिद्धू को दिया था, लेकिन सिद्धू ने बिजली महकमे का कार्यभार ही नहीं संभाला। इसके बाद राणा गुरजीत सिंह हाशिए पर आ गए, लेकिन एक बार फिर से राणा गुरजीत सिंह कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए संकटमोचक बने हैं और उन्होंने किसानों के इस धरना प्रदर्शन को खत्म करवाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
सिद्धू ग्रुप की तोड़ हैं राणा-रिंकू
एक तरफ जहां नवजोत सिद्धू ग्रुप के मंत्री और विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी खाने में लगे हुए हैं तो दूसरी तरफ राणा गुरजीत सिंह और उनके साथ सुशील रिंकू जैसे विधायक कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ डटकर खड़े है। फिलहाल कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों का धरना खत्म करवा कर अमरिंदर सिंह ने किसानों का धरना खत्म करवा कर पार्टी हाईकमान को यह साफ संदेश दिया है कि सियासी हलके में उनकी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत हुई है।