हुण खेडां खत्म: पंजाब के खेल मंत्री के ‘खेला’ में उलझ गई ‘सिद्धू’ सेना, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी फिर बने कैप्टन के ‘संकट मोचक’, पढ़ें डेली संवाद में खेल मंत्री का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़/जालंधर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर चाहे सियासी संकट आए या फिर कोई व्यक्तिगत, उनके लिए खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी हर बार संकट मोचक की अवतार में होते हैं। पंजाब कांग्रेस में जब लग रहा था कि एक-एक कर विधायक और मंत्री प्रधान नवजोत सिद्धू के खेमे में जा रहे हैं, तो कैप्टन और सरकार के लिए एक बार फिर से राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी संकट मोचक बने हैं। राणा ने चंडीगढ़ में अपने आवास में डिनर पार्टी में 58 विधायक और मंत्रियों को एकजुट कर कैप्टन के भरोसे को और प्रगाढ़ कर दिया।

चंडीगढ़ में डिनर पार्टी के बाद खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी से डेली संवाद के साथ कई मुद्दों पर खुलकर बात की। जिसमें राणा सोढ़ी ने खुलकर जवाब दिया। राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि “मैंने समान विचारधारा वाले पार्टी नेताओं और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को एकजुटता दिखाने के लिए रात्रिभोज पर आमंत्रित किया था।”

बातचीत में पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा है कि पंजाब कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है और पूरी लीडरशिप मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में एकजुट है। खेल मंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे और हाईकमान में भी इसे पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है।

सिद्धू का किया बचाव

राणा सोढ़ी ने कहा कि राजनीतिक दलों में सभी को अपने विचार रखने का अधिकार है। राणा सोढ़ी ने कहा कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि ईट से ईट खड़का देने के उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। इस बयान की जांच हाईकमान की कमेटी भी कर रही है। राणा सोढ़ी ने कहा कि पंजाब में कांग्रेसी एक बार फिर बड़ी जीत हासिल करेगी।

जालंधर में भी सोढी का जलवा

प्रधान नवजोत सिद्धू के करीबी नेता और कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बनने के बाद परगट सिंह कुछ ज्यादा ही कैप्टन के खिलाफ बोलने लगे हैं। यही नहीं, चार मंत्रियों के साथ मिलकर परगट सिंह कैप्टन अमरिंदर की कुर्सी पलटना चाहते हैं। इन लोगों ने प्रयास भी किया। लेकिन पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने यह कह कर इनकी बोलती बंद कर दी कि साल 2022 का चुनाव कैप्टन के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

चंडीगढ़ में डिनर पार्टी के बाद कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने परगट सिंह के इलाके में कैप्टन को मजबूत करने के लिए जालंधर में कार्यक्रम में शरीक हुए। जिससे दोआबा में कैप्टन की स्थिति मजबूत हो सके। इसमें भी राणा सोढ़ी कामयाब हुए। राणा सोढ़ी ने जालंधर में एक साथ कई घोषणाएं की है। जिससे कैप्टन सरकार की स्थिति काफी मजबूत हुई है। सोढ़ी ये मैसेज देने में सफल हुए हैं कि कैप्टन के समानांतर कोई नेता नहीं हो सकता है।

आप भी जाने राणा सोढ़ी के बारे में

पंजाब के खेल एवं युवा और एनआरआई मामलों के मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, दुनिया के ‘द सिख 100 ’ सूची में शामिल किया गया है। व्यापार, शिक्षा, पेशा, मीडिया, मनोरंजन, खेल और दान के क्षेत्र में उल्लेखनाय भूमिका निभाने वाले प्रभावशाली सिखों को इस सूची में शामिल किया जाता है।

पूर्व अंतर्राष्ट्रीय शूटर राणा सोढ़ी ने न केवल खेल के क्षेत्र में प्रशंसा प्राप्त की है, बल्कि उन्हें शास्त्रीय संगीत, खाना पकाने और इतिहास की पुस्तकें पढ़ने में भी रुचि है। गुरु हर सहाय से पंजाब विधानसभा के सदस्य राणा सोढ़ी पहली बार 2002 में विधायक चुने गए थे। सिख गुरु श्री गुरु रामदास के प्रत्यक्ष वंशज हैं।

संसदीय क्षेत्र, युवा मामले, खेल और शिक्षा विभाग के रूप में कार्य किया है। 2002 से 2004 तक सीएम पंजाब के राजनीतिक सचिव रहे। महासचिव युवा कांग्रेस, पीपीसीसी के सचिव और महासचिव; मुख्य सचेतक कांग्रेस विधायक दल; प्रश्न और संदर्भों की समिति के सदस्य, याचिका समिति, लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति और पंजाब विधानसभा की प्रश्न और संदर्भ समिति के अध्यक्ष रहे हैं।













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