पंजाब में बसों का चक्का जाम; दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल की बसें बंद, जाने वजह

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर
पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) कांट्रेक्ट वर्कर्स ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Punjab Roadway Bus Strike) शुरू कर दी है। सबसे ज्यादा असर लंबे रूट की बसों पर पड़ रहा है। जालंधर से दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जाने वाली बसें बंद हो गई हैं।

कांट्रेक्ट मुलाजिमों ने हड़ताल को रविवार एवं सोमवार की मध्य रात्रि से ही 100 फीसदी सफल बनाने के लिए रविवार से ही बसों के संचालन को सीमित कर दिया। बसों को इस कैलकुलेशन के मुताबिक चलाया गया कि शाम ढलने तक वे वापस डिपो में पहुंच जाएं। बसें सुबह जालंधर से चलाकर शाम को जालंधर वापस लौटने की कवायद में दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल आदि के अधिकतर रूट इस वजह से चंडीगढ़ या अंबाला तक ही सीमित कर दिए गए।

पंजाब में 2000 बसों का संचालन प्रभावित

कांट्रेक्ट वर्कर्स की हड़ताल के कारण पंजाब में करीब 2000 बसों को संचालन प्रभावित होने की उम्मीद है। इसका बड़ा कारण यह है कि पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी में अधिकतर बसों का संचालन कांट्रेक्ट वर्कर्स के ही हवाले है। पंजाब रोडवेज के अपने पक्के मुलाजिमों की संख्या बेहद कम है।

कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के गुरप्रीत सिंह एवं जसबीर सिंह ने कहा कि हड़ताल पूर्ण रूप से सफल होगी और यूनियन की मांगें माने जाने तक निर्विघ्न जारी रखी जाएगी। यूनियन नेताओं का कहना है कि उन्हें यात्रियों को होने वाली परेशानी का अंदाजा तो है, लेकिन इस परेशानी के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार है। परिवहन मंत्री की तरफ से कई बार यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जा चुकी है। जल्द मांगें माने जाने की घोषणा भी हो चुकी है। बावजूद इसके कांट्रेक्ट मुलाजिमों को कोई राहत नहीं दी जा रही है।

ये हैं मांगें

यूनियन की तरफ से कांट्रेक्ट मुलाजिमों को तुरंत पक्का करने, मामूली केसों में बर्खास्त मुलाजिमों को तुरंत बहाल करने तथा सरकारी बेड़े में 10000 नई बसें शामिल करने की मांग सरकार से की जा रही है।













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