नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की लिंचिंग को वह गलत नहीं मानते। उन्होंने कहा कि वह एक्शन का रिएक्शन था, उसके पीछे कोई साजिश नहीं थी, इसलिए हम उसे गलत नहीं मानते हैं।
टिकैत ने शनिवार को कहा कि वह उन्हें अपराधी नहीं मानते, जिन्होंने लखीमपुर खीरी में भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या की क्योंकि उन्होंने तो प्रदर्शनकारियों के ऊपर एसयूवी कार चढ़ाए जाने की प्रतिक्रिया में ऐसा किया। संवाददाताओं द्वारा यहां पूछे गए एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि लखीमपुर खीरी में कारों के एक काफिले ने चार किसानों को रौंद दिया, जिसके जवाब में भाजपा के दो कार्यकर्ता मारे गए। यह हत्याएं एक्शन का रिएक्शन थी। मैं हत्या में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता।
अजय मिश्रा को सरकार से हटा देना चाहिए
किसान नेताओं ने मांग की कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया जाए। नेताओं ने कहा कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी। योगेंद्र यादव ने कहा कि अजय मिश्रा को सरकार से हटा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने यह साजिश रची और वह इस मामले में दोषियों को बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन एसकेएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन करेगा।
#WATCH | "That was the reaction to the action. There was no planning involved and that doesn't amount to murder," says BKU leader Rakesh Tikait on the killing of three BJP workers during the Lakhimpur Kheri violence pic.twitter.com/se2NViuu2Z
— ANI (@ANI) October 9, 2021
दरअसल, 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करने के दौरान हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मृतकों में दो भाजपा कार्यकर्ता, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के एक ड्राइवर और एक स्थानीय रिपोर्टर भी शामिल थे।