डेली संवाद, चंडीगढ़/फ़तेहगढ़ साहिब
लोक निर्माण एवं प्रशासनिक सुधार मंत्री, पंजाब विजय इंदर सिंगला ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर जी के जन्म दिवस के अवसर पर जोती सरूप मोड़ में स्थापित किया, बाबा बंदा बहादुर का 12 फुट ऊँची काँस्य की प्रतिमा संगत को अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने ऐलान किया कि इस जगह को भी आज के बाद बाबा बन्दा सिंह बहादुर चौक के नाम से जाना जाएगा।
इस मौके पर उन्होंने जहाँ मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा बाबा बन्दा सिंह बहादुर के जन्म दिवस की बधाई दी, वहीं सरहिन्द पी.डब्ल्यू.डी. रैस्ट हाऊस के लिए 15 लाख रुपए देने का ऐलान भी किया। समागम को संबोधन करते हुए श्री सिंगला ने कहा कि गुरू साहिब की कृपा स्वरूप वह लोगों की सेवा कर सक रहे हैं। गुरू साहिब के रास्ते पर चलना आसान नहीं है, गुरू साहिब की कृपा स्वरूप पूरी मज़बूती से ही गुरू साहिब के रास्ते पर चला जा सकता है।
बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने कभी भी सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा
उन्होंने कहा कि महान सिख जरनैल बाबा बन्दा सिंह बहादुर का जन्म वर्ष 1670 में जम्मू के राजौरी क्षेत्र में हुआ। सिख धर्म के महान जरनैल बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने सरहिन्द को फ़तेह करके मुल्क में से जुल्म के राज के अंत का आधार बाँध दिया और बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने कभी भी सत्य का मार्ग नहीं छोड़ा। श्री गुरु गोबिन्द सिंह महाराज ने उनको सिंह सजाकर उनका नाम बन्दा सिंह रखा और जुल्म के राज का अंत करने के लिए पंजाब भेजा। बाबा बन्दा सिंह और उनके साथियों द्वारा अपने धर्म पर अडिग रहने के कारण उनको अनेकों कष्ट दिए गए और दिल्ली में शहीद कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि हलका फ़तेहगढ़ साहिब के लोग भाग्यशाली हैं, जिनको विधायक कुलजीत सिंह नागरा जैसे नेता मिले हैं। विधायक नागरा ने हलके के विकास के लिए दिन-रात एक कर काम किया है और अब जि़म्मेदारी लोगों की है, जिन्होंने स. नागरा को और मज़बूत करना है। उन्होंने वादा किया कि फ़तेहगढ़ साहिब और संगरूर अव्वल हलके बनेंगे।
मोदी सरकार ज़मीनें छीनने की फिराक में
श्री सिंगला ने बताया कि वह बीते दिन लखीमपुर खीरी गए थे और वहाँ घटी घटना के इंसाफ़ के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि खालसा राज स्थापित करने के बाद बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने पहला कार्य जागीरदारी प्रबंध ख़त्म कर किसानों को ज़मीन के मालिकाना हक दिए और आज केंद्र की मोदी सरकार ज़मीनें छीनने की फिराक में है।
आज बाबा बन्दा सिंह बहादुर की सोच पर पहरा देने की ज़रूरत है। जो कार्य बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने शुरू किया, इसको केंद्र सरकार कैसे रोक देगी। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष में पंजाब सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और खड़ी रहेगी। उन्होंने बताया कि जब वह और उनके साथी यू.पी. में पीडि़तों के लिए इंसाफ़ लेने गए तो उनको सहारनपुर थाने रोक दिया गया, परन्तु सुकून था कि वह अच्छे काम के लिए थाने पहुँचे थे। पीडि़त परिवारों की माँग थी कि उनको मुआवज़ा नहीं चाहिए, इंसाफ़ चाहिए। इस माँग के लिए भूख हड़ताल भी की और माँग की कि आशीष मिश्रा को गिरफ़्तार किया जाए।
पंजाब सरकार उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेगी
पत्रकारों द्वारा बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र पंजाब में बढ़ाए जाने संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में श्री सिंगला ने कहा कि भारत सरकार राज्य के अधिकार क्षेत्र में दख़ल दे रही है। केंद्र सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। पंजाब पुलिस अच्छी तरह से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सभी पार्टियाँ इस मसले पर इक_ी होती हैं तो पंजाब सरकार उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पटियाला से सरहिन्द तक नया हाईवे बनाने का विचार भी चल रहा है।
इससे पहले फ़तेहगढ़ साहिब पहुँचने पर जि़ला प्रशासनिक कॉम्पलैक्स में श्री सिंगला को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। समागम को संबोधित करते हुए हलका विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि सिख इतिहास के महान जरनैल बाबा बन्दा सिंह बहादुर, जिन्होंने गुरू गोबिन्द सिंह जी से अशीर्वाद लिया और कूच किया, नांदेड़ की धरती से बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह, और माता गुजरी जी को शहीद करने वालों को सुधारने के लिए पंजाब पहुँचे। उस ज़ालिम का ख़ात्मा करने के लिए बाबा बन्दा सिंह बहादुर ने ईंट से ईंट बजा दी।
उन्होंने कहा कि जो सेवा फ़तेहगढ़ साहिब की उनको मिली है, वह स्वयं को खुशकिस्मत समझते हैं। वह गुरू साहिब और संगत का कभी कजऱ् नहीं वापस कर सकते। जितने फंड फ़तेहगढ़ साहिब को मिले शायद ही किसी अन्य हलके को मिले हों। गुरू साहिब ने कृपा कर बल प्रदान किया है, जिसके स्वरूप उन्होंने ईमानदारी का रास्ता नहीं छोड़ा।