डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सरहद के साथ बी.एस.एफ. का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने और 11 अक्तूबर, 2021 के नोटिफिकेशन से पहले की मौजूद स्थिति बहाल करने की माँग की है जिससे बी.एफ.एफ. और पंजाब पुलिस देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए देश विरोधी ताकतों के खि़लाफ़ एकजुट होकर काम कर सकें। इस दौरान चन्नी ने प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर मीटिंग के लिए समय देने की अपील की।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में चन्नी ने जानकारी दी कि बी.एस.एफ. को अंतरराष्ट्रीय सरहद की सुरक्षा करने और सामने होकर रक्षा करने की प्रमुख ड्यूटी करने का प्रशिक्षण मिलता है। उन्होंने आगे बताया कि देश के अंदर अमन-कानून की हिफ़ाज़त करने की ड्यूटी और जि़म्मेदारी प्रांतीय या स्थानीय पुलिस की बनती है। इसके अलावा पंजाब पुलिस अमन-कानून की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण तौर पर समर्थ है।
आतंकवादियों के खि़लाफ़ सफलतापूर्वक साझे ऑपरेशन
मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि पंजाब पुलिस ने गत समय में भी आतंकवाद का प्रभावशाली ढंग से समाना किया और पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के दरमियान प्रभावी तालमेल के बिना यह संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि हाल ही में बी.एस.एफ. और पंजाब पुलिस के दरमियान बेहतर तालमेल स्वरूप नशा तस्करों और आतंकवादियों के खि़लाफ़ सफलतापूर्वक साझे ऑपरेशन शुरु किए गए।
इस समूचे मामले पर फिर से गौर करने की ज़ोरदार दलील देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अब मौजूदा व्यवस्था में एकतरफा ढंग से बदलाव करने का कोई न्यायिक आधार नहीं बनता। उन्होंने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि राज्य सूची के अंतर्गत पुलिस और अमन-कानून प्रांतीय विषय हैं और इनको राज्यों द्वारा देखा जा रहा है।
संविधान के संघीय ढांचे को बिगाडऩे की कोशिश
पुलिस अधिकारियों का व्यक्तियों की खोज, ज़ब्ती और गिरफ़्तारी का अधिकार न सिफऱ् अलग-अलग एक्टों अधीन दण्डनीय अपराधों, बल्कि राज्य सरकारों के साथ सलाह किये या उनकी सहमति लिए बिना किसी अन्य केंद्रीय एक्ट अधीन दण्डनीय अपराध की रोकथाम के लिए बी.एस.एफ. अधिकारियों को सौंपना केंद्र द्वारा राज्य के अधिकार और भूमिका पर कब्ज़ा करने के समान है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संघवाद की भावना को कमज़ोर करने और संविधान के संघीय ढांचे को बिगाडऩे की कोशिश कर रही है।
चन्नी ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 11 अक्तूबर, 2021 को एक नोटीफिकेशन जारी करके पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल राज्यों में अंतरराष्ट्रीय सरहदों के साथ-साथ बी.एसीएफ. के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर क्षेत्रों तक बढ़ाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह नोटीफिकेशन सीमा सुरक्षा बल एक्ट, 1958 (1968 का एक्ट 47) की धारा 139 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्राप्त अधिकार का प्रयोग करते हुए 3 जुलाई, 2014 के पहले के नोटीफिकेशन में संशोधन करके जारी किया गया है।
कर्तव्यों का प्रयोग करने और उनको निभाने के अधिकार
जिसके अंतर्गत गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम राज्यों में भारत की सरहदों के साथ-साथ चलते 50 किलोमीटर के क्षेत्र में शामिल बी.एस.एफ. के बहुत से क्षेत्रों और मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख़ के समूचे क्षेत्रों में बी.एस.एफ. का अधिकार बढ़ा दिया गया। 22 सितम्बर, 1969 और 11 जून, 2012 के पिछले नोटीफिकेशनों के अनुसार बी.एस.एफ. को सिफऱ् 15 किलोमीटर के क्षेत्र में अधिकार दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह नोटीफिकेशन जारी करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 अधीन, फोर्स के सबसे निचले दर्जे के रैंक के सभी अधिकारियों को अधिकार का प्रयोग करने और दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 41 की उप धारा (1), धारा 47, धारा 51 की उप धारा (1), धारा 52, 149, 150, 151 और धारा 152 अधीन ड्यूटी के अधिकार दिए हैं और फोर्स के अधिकारी और अधीनस्थ आधिकारियों के बराबर या इससे कम दर्जे के सभी अधिकारियों को उपरोक्त क्षेत्रों की स्थानी सीमाओं के अंदर, धारा 100 और 131 के अधीन अधिकार और कर्तव्यों का प्रयोग करने और उनको निभाने के अधिकार दिए गए हैं।
पाकिस्तान के साथ 425 किलोमीटर लम्बी अंतरराष्ट्रीय सरहद
जिसके अंतर्गत वह पंजाब में 50 किलोमीटर के क्षेत्र में; पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) एक्ट, 1920 अधीन दण्डनीय अपराधों की रोकथाम के उद्देश्यों के लिए, विदेशी एक्ट 1939, केंद्रीय आबकारी और नमक एक्ट 1944 की रजिस्ट्रेशन; विदेशी एक्ट 1946; विदेशी एक्सचेन्ज रैगूलेशन एक्ट 1947, कस्टमज़ एक्ट 1962 या पासपोर्ट एक्ट 1967 या किसी अन्य केंद्रीय एक्ट अधीन दण्डनीय किसी भी गंभीर अपराध; या (2) किसी भी व्यक्ति को पकडऩे के उद्देश्य से जिसने उपरोक्त धारा (1) में जि़क्र किया कोई अपराध किया हो।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाब की पाकिस्तान के साथ 425 किलोमीटर लम्बी अंतरराष्ट्रीय सरहद है और सरहदी जिलों जैसे कि पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन तारन, फिऱोज़पुर, फाजिल्का के कुल क्षेत्र का 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र और पंजाब के इन सरहदी जिलों के सभी जि़ला मुख्यालयों समेत सभी प्रमुख कस्बे और शहर भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सरहद से 50 किलोमीटर के क्षेत्र में आते हैं।