रजनीश शुक्ला
डेली संवाद, जालंधर
कांग्रेस और भाजपा के गढ़ में सेंधमारी के लिए उतरे सुखबीर बादल को जालंधर में उस वक्त झटका लगा, जब अकाली दल ज्वाइन करने वाले एक भाजपा पार्षद अचानक बीमार पड़ गए। जिससे भाजपा पार्षद की ज्वाइनिंग टल गई। फिलहाल सुखबीर बादल ने भाजपा कौंसलर के भाई को फूल माला पहना कर अकाली दल ज्वाइन करवा दिया।
जालंधर के जेसी रिसोर्ट में आज अकाली दल की तरफ से एक रैली का आयोजन किया गया। चर्चा थी इसमें भाजपा के कौंसलर मनिंजदर सिंह चट्ठा को अकाली दल ज्वाइन करना था। लेकिन मनजिंदर सिंह चट्ठा अचानक बीमार पड़ गए, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। जिससे चट्ठा की ज्वाइनिंग टल गई। हालांकि सुखबीर बादल ने चट्ठा के भाई को अकाली दल ज्वाइन करवा दिया।
पंजाब में चन्नी सरकार पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है
उधर, रैली को संबोधित करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में एक पार्टी के रूप में कांग्रेस पहले ही खत्म हो चुकी है, और जो कुछ बचा है वह केवल कबीले (जनजाति) हैं, यही कारण है कि हर कोई गन्ना उत्पादकों को चीनी मिलों द्वारा 360 रूपये प्रति क्विंटल के राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) से वंचित किए जाने से पीड़ित है।
कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा , ‘‘ पंजाब में चन्नी सरकार पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है, और किसी को भी यह नही पता कि दूसरा क्या कर रहा है। यह बिल्कूल वैसा ही है जैसा पंजाबियों ने 1997 में देखा था जब श्रीमती राजिंदर कौर भट्ठल ने मुख्यमंत्री हरचरण बराड़ की जगह ली थी। फरवरी 2022 के विधानसभा चुनावों में 1997 वाले विधानसभा वाला इतिहास दोहराया जाएगा , जब कांग्रेस पार्टी ने केवल 14 सीटें जीती थी’’।
कांग्रेस के 2017 घोषणा पत्र से मुकर गए
सरदार बादल ने मुख्यमंत्री चन्नी से पूछा कि ‘‘ क्या वे कांग्रेस के 2017 घोषणा पत्र से मुकर गए हैं। उन्होने सभी किसानों को पूर्ण कर्जा माफी, नौजवानों को 25 लाख नौकरियां, सभी बेरोजगारों को 2500 रूपये प्रतिमाह, सभी गरीबों को मुफ्त चीनी और चाय और नौजवानों को मोबाइल फोन देने पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। यही समय है जब चन्नी इन वादों पर अपनी चुप्पी तोड़ें , क्योंकि वह भी उस पार्टी का हिस्सा थे’’।
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