ऑनलाइन डाटा पर पहल: आई.के.जी.पी.टी.यू को देशभर की यूनिवर्सिटीज में तीसरा स्थान

Daily Samvad
3 Min Read

डेली संवाद, जालंधर/कपूरथला
आई.के.गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आई.के.जी.पी.टी.यू) को डिजिलॉकर नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी-नैड) पोर्टल पर स्टूडेंट्स का ऑनलाइन डाटा दर्ज करवाने में देश के शीर्ष प्रदर्शन करने वालों की सूची में तीसरा स्थान मिला है। नैड विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा छात्रों के अकादमिक रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करने के लिए विकसित की गई एक प्रणाली है।

डिजिलॉकर एनएडी-नैड वेबसाइट के पिछले महीने के रिकॉर्ड के अनुसार, आई.के.जी.पी.टी.यू ने अपने छात्रों की डिग्री एवं विस्तृत मार्क कार्ड सहित 8.5 लाख से अधिक दस्तावेज पहले ही अपलोड कर दिए हैं। विश्वविद्यालय ने पंजाब के सभी शिक्षण संस्थानों के बीच इस प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभाई है। विश्वविद्यालय प्रवक्ता के अनुसार वे 2008 के बाद के डाटा को अपलोड पहले चरण में कर रहे हैं तथा उनका लक्ष्य आगामी एक महीने में 15 लाख से अधिक डिग्रीज को अपलोड करने का है।

सबंधित टीम को बधाई

युनिवर्सिटी रजिस्ट्रार आई.ए.एस अधिकारी जसप्रीत सिंह का कहना है कि “एक राज्य तकनीकी विश्वविद्यालय होने के नाते सरकारी नीतियों एवं परियोजनाओं के कार्यान्वयन को तवज्जो देना उनकी प्राथमिकता है। आई.के.जी पी.टी.यू रजिस्ट्रार जसप्रीत सिंह ने छात्रों के सभी शैक्षणिक संबंधित डेटा ऑनलाइन प्रदान करने में अग्रणी होने पर गर्व महसूस करते हुए सबंधित टीम को बधाई दी है।

छात्रों के दस्तावेजों को अपलोड करने के कार्य के लिए यूनिवर्सिटी में एक समर्पित नैड सेल गठित किया गया है। यह सेल परीक्षा विभाग के समन्वय से काम करता है। कुलपति एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रमेश कुमार गंता एवं रजिस्ट्रार आई.ए.एस अधिकारी जसप्रीत सिंह की देखरेख में टीम स्तर पर परीक्षा नियंत्रक (सीओई) से मिलकर आंकड़ों का सत्यापन कराकर हस्ताक्षरयुक्त डाटा अपलोड कटा है। यूनिवर्सिटी में नैड नोडल अधिकारी के तौर पर डिप्टी रजिस्ट्रार ऋषि गुप्ता इस काम को मॉनिटर कर रहे हैं।

दस्तावेज़ अब केवल एक माउस के क्लिक पर प्राप्त हुआ करेंगे

उन्होंने बताया कि इससे कहीं भी बैठे ऑनलाइन मोड के माध्यम से छात्रों के रिकॉर्ड को फॉरेन वेरिफिकेशन एजेंसीज जाँच पायेंगीं। इसके अलावा छात्रों को अब किसी भी स्थान पर अपने मूल प्रमाण पत्र ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी, वे डिजिलॉकर पर उपलब्ध डॉक्यूमेंट कहीं भी चेक कर व करवा पायेंगे। नौकरी के उद्देश्य से भी ये दस्तावेज़ अब केवल एक माउस के क्लिक पर प्राप्त हुआ करेंगे।

नोडल अधिकारी ने बताया कि इससे पढाई से जुड़े दस्तावेजों की जालसाजी भी नहीं होगी। साथ ही आईटी अधिनियम 2000 के अनुसार अब डिजीटल दस्तावेज़ सभी उद्देश्यों के लिए मान्य हैं तथा इसका पूर्ण लाभ स्टूडेंट्स को मिलेगा। उन्होंने बताया कि भविष्य में ट्रांस्क्रिप्ट इत्यादि का खर्च भी स्टूडेंट्स को नहीं देना होगा तथा हर जगह पर यह ऑनलाइन डाटा वैलिड मन जाये।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *