लखनऊ। तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों को थार गाड़ी से कुचले जाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। मामले में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उपद्रव के दौरान हुई फायरिंग केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा के असलहे से हुई थी। बता दें कि इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट जांच दल पर किसी खास को बचाने की बात कहते हुए नाराजगी जाहिर की थी।
जानकारी मिली है कि हिंसा के वक्त फायरिंग भी हुई थी। तीन हथियारों से फायरिंग के सबूत मिले हैं। मुख्य आरोपी और मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की राइफिल भी जांच के लिए भेजी गई थी। बड़ी बात ये है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में आरोपी आशीष मिश्रा की राइफिल से गोली चलने की पुष्टि हुई है।
अंकित दास की पिस्टल की भी जांच हुई
एक दूसरे आरोपी अंकित दास की पिस्टल की भी जांच हुई। अंकित के गनर लतीफ की रिपीटर गन की भी जांच हुई। घटनास्थल से भागने के दौरान लाइसेंसी असलहों से फायरिंग हुई थी। हालांकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में किसी भी व्यक्ति को गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई थी। लेकिन जांच में पुलिस को गाड़ियों पर गोलियों के निशान मिले थे। इसी आधार पर राइफल जब्त किए गए थे।
क्या है पूरा मामला
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को, चार किसानों को एक एसयूवी द्वारा कथित तौर पर कुचल दिया गया था, जब वे एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी मौजूद थे।
किसानों का आरोप है कि एसयूवी टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था। आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है और किसान अब केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि वह भी इस मामले में आरोपी हैं।
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