डेली संवाद, जालंधर
पंजाब खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के डायरेक्टर व कांग्रेस नेता मेजर सिंह के माडल हाउस स्थित दाना पानी रेस्टोरेंट की मल्टी स्टोरी इमारत की सील को विधायक सुशील रिंकू और पार्षदों ने आधी रात को खुलवा दिया। इससे पहले विधायक रिंकू और पार्षदों के साथ मेजर सिंह चंडीगढ़ में चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात कर निगम अधिकारियों की शिकायत की।
आपको बता दें कि नगर निगम ने वीरवार को पौ फटने से पहले ही मेजर सिंह का रेस्टोरेंट दानापानी सील कर दिया। इसके बाद वेस्ट हलके की राजनीति गर्मा गई है। हलके के कई पार्षद इसके विरोध में मेजर सिंह के साथ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दरबार में चंडीगढ़ पहुंच गए।
मुख्यमंत्री दरबार पहुंची जालंधर निगम अधिकारियों की शिकायत
विधानसभा सेशन होने के कारण सभी नेता विधानसभा के बाहर डटे रहे। सेशन खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने सीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई। विधायक सुशील रिकू इस मामले को मुख्य सचिव अनिरूद्ध तिवारी के ध्यान में लेकर आए। देर शाम मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद दाना पानी की सील खोलने के निर्देश जारी किए गए। सुबह चार बजे शुरू हुई इमारत सील करने की कार्रवाई में रात तक दबाव की राजनीति चलती रही।
कांग्रेस नेता मेजर सिंह के समर्थन में वेस्ट हलके के कई पार्षद चंडीगढ़ पहुंच गए थे और दबाव बनाने में कामयाब रहे। कांग्रेस नेता मेजर सिंह के खिलाफ हुई कार्रवाई पर कांग्रेस नेताओं में नाराजगी रही और चुनाव से पहले इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कमजोर करने वाली कार्रवाई बताया गया। इसे लेकर कई पार्षदों ने मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर करनेश शर्मा से भी बात की और कार्रवाई को गैर-जरूर बताया।
डायरेक्टर-कमिश्नर को हाईकोर्ट में बनाया है पार्टी
कांग्रेस नेता मेजर सिंह ने आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह की जनहित याचिका में खुद को हाईकोर्ट में पार्टी के रूप में शामिल करवाया है और याचिका में दी गई अवैध कालोनियों और इमारतों के मौजूदा स्टेट्स की जांच की मांग की है। मेजर सिंह ने इस याचिका में पंजाब सरकार की पूर्व चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन, सेक्रेटरी, डायरेक्टर, निगम कमिश्नर के साथ ही कालोनाइजरों और बिल्डिंग मालिकों को भी पार्टी बनाया है।
शहर में बन रही कई अवैध इमारतों के मामलों में निगम अफसरों को भी कोर्ट खींचा है। इसे लेकर अफसरों और मेजर सिंह में टकराव चल रहा है। वीरवार को हुई कार्रवाई इसी टकराव का नतीजा है। स्थानीय अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए चंडीगढ़ से भी दबाव था और अफसर अपनी नाराजगी भी निकालना चाहते थे। इस तरह की कई इमारतें शहर में खुली हुई हैं जबकि इस इमारत पर कार्रवाई को दबाव की कार्रवाई बताया जा रहा है।
मलाई काट रहे अफसर लड़ रहे नेता
जालंधर शहर में 1000 से ज्यादा अवैध कॉलोनियो और सैकड़ों कमर्शियल अवैध निर्माण हो रहे हैं। इसे लेकर नगर निगम का बिल्डिंग ब्रांच और कई अफसर मलाई काट रहे हैं। जब कार्यवाही की बारी आती है तो ठीकरा नेताओं के सिर फोड़ दिया जाता है। इससे अवैध निर्माण को लेकर जालंधर नगर निगम के अधिकारी जहां मलाई काट रहे हैं वहीं विधायक पार्षद और मेयर आपस में राजनीति का शिकार हो रहे हैं।







