त्रिपुरा। त्रिपुरा में दो महिला पत्रकारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनका नाम एक FIR में था। यह FIR दक्षिणपंथी समूह विश्व हिंदू परिषद के एक सदस्य कंचन दास की शिकायत के बाद दर्ज की गई है। दोनों पत्रकारों के नाम समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा हैं। दोनों हाल में त्रिपुरा में हुईं हिंसा की घटनाओं को कवर कर रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस सुबह उनके होटल में आई और उन्हें धमकाया। इन पत्रकारों पर धारा 153-ए के तहत धर्म के आधार पर समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और IPC की धारा 120 (B) के तहत आपराधिक साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया है।
पत्रकारों पर झूठी खबर प्रकाशित करने का आरोप
त्रिपुरा पुलिस का आधिकारिक बयान आया। इसमें कहा गया कि दोनों पत्रकारों को झूठी खबर प्रकाशित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। उन्हें नॉर्थ त्रिपुरा के फातिक्रोय पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले पॉल बाजार में सांप्रदायिक नफरत फैलाने में शामिल पाया गया था।
पुलिस ने कहा कि अमरावती समेत महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई हिंसा को सांप्रदायिक घटना के नतीजे के रूप में लेते हुए, यह साफ हो गया है कि कुछ स्वार्थी तत्व त्रिपुरा में सांप्रदायिक माहौल भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
त्रिपुरा में आखिर हुआ क्या था?
पिछले महीने बांग्लादेश में हिंसक भीड़ ने दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद कई खबरें आईं, जिनमें कहा गया कि बांग्लादेश में अलग-अलग जगहों पर हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। इसके विरोध में त्रिपुरा में कुछ संगठनों ने रैलियां निकालीं। इस दौरान कुछ जगहों पर भीड़ ने दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की थी।
21 अक्टूबर को गोमती जिले में रैली के दौरान भीड़ और पुलिस में झड़प हुई थी। अगरतला, धर्मनगर और पानीसागर में भी रैली निकाली गई। इस दौरान धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की खबरें भी आई थीं। स्वर्णा झा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा था कि उन्होंने स्थानीय लोगों से एक मस्जिद को हुए नुकसान के बारे में बात की थी। हालांकि, गृह मंत्रालय ने पहले ही गोमती जिले में एक मस्जिद में तोड़फोड़ के दावों को खारिज कर दिया था।
शादीशुदा युवक की Love Story। मण्डप में पत्नी का हंगामा
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