जालंधर जिले में स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2021 को एडीसी डा. ओबराय ने किया लांच

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर
जालंधर जिले के गांवों को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखना होगा। गांव ओडीएस (खुले में शौचमुक्त) हो चुके हैं और अब इनको ओडीएफ प्लस करना है। इन विचारों के साथ मंगलवार को अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) डा. रजत ओबराय ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2021 को लांच किया।

उन्होंने कहा कि हर साल की तरह ही इस साल सभी जिला जालंधर के गांवों का स्वच्छता मापदंड किया जाएगा। इसलिए सभी सरपंच और गांव के लोग इस सर्वेक्षण में भाग लें। अपने आस-पास सफाई रखें, ताकि जालंधर की स्वच्छता रैंकिंग को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर पहले स्थान पर लाया जा सके।

डा. रजत ओबराय ने बताया कि इन स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत ओडीएफ हो चुके गांवों को ओडीएफ प्लस किया जाना है और सिटीजन फीडबैक भी दिया जाना है। साथ ही कम आबादी वाले गांवों में सॉक पिट बनाए जाने हैं। उन्होंने बताया कि अब गंवों में गंदे पानी की निकासी के लिए ग्रे वाटर वैस्ट मैनेजमैंट के तहत कच्चे छप्पड़ों को अलग-अलग मॉडलों के जरिए पक्का करवाया जा रहा है।

इतना ही नहीं गांवों में कूड़े के प्रबंधन के लिए सॉलिड वैस्ट मैनेजमैंट प्रोजैक्ट लागू कराए जा रहे हैं। ताकि शहरों की तरह ही गांवों में सभी लोग गीला और सूखा कूड़ा अलग करें। गीले कूड़े से खाद बनाई जा सके और सूखे कूड़े को रिसाइकिल करके खत्म किया जा सके।

उन्होंने बीडीपीओज और सीडीपीओज को ब्लॉक स्तर पर गांवों के सरपंचों और गांव के लोगों को स्वच्छ सर्वेक्षण संबंधी जागरूक करने के लिए जागरूकता कैंप लगाने की हिदायतें दीं। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर और आशा वर्करों को सभी गांवों में लोगों को जागरूक करने के लिए भेजा जाए।

वाटर सप्लाई और सैनीटेशन विभाग जालंधर डिवीजन नंबर-1 के कार्यकारी इंजीनियर हरिंदर सिंह ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत हर ब्लॉक में ओडीएफ वाले एक-एक गांव को लिया जा रहा है। जिसे ओडीएफ प्लस किया जाएगा। इनमें अभी तक उग्गी, सीचेवाल, धनी, बोलिना, रुड़का कलां और हरी पिंड को चुना गया है।

एसडीओ सैनेटीशन गगनदीप सिंह वालिया ने गांवों में चलाए जा रहे लिक्वेड वैस्ट मैनेजमैंट, प्लास्टिक वैस्ट मैनेजमैंट और सॉलिड वैस्ट मैनेजमैंट प्रोजैक्टों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन प्रोजैक्टों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से पंचायतों को पैसे दिया जा रहा है। इस मौके पर विभाग के आईईसी रोहित सिद्धू और जेई रोहित के अलावा बीडीपीजीओ और सीडीपीओज मौजूद रहे।













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