भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनी एएसएसएल एमजॉन के कार्यकारी निदेशक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। एसपी भिंड ने एमजॉन के खिलाफ कार्रवाई की पुष्टि की है। इससे पहले गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने एमजॉन को चेतावनी दी थी कि जांच में सहयोग करे, नहीं तो उऩके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
हालांकि, मंत्री की चेतावनी के बाद एमजॉन ने पुलिस को जांच में सहयोग का आश्वासन दिया था। लेकिन कंपनी ने पुलिस को जो जवाब दिया, वह गिरफ्तार आरोपियों के बयान से काफी अलग था। लिहाजा पुलिस ने एमजॉन के खिलाफ केस दर्ज कर दिया।
मेरिजुआना तस्करी मामले का खुलासा हुआ
भिंड पुलिस के मुताबिक हफ्ते पहले गोहद में मेरिजुआना तस्करी मामले का खुलासा हुआ था। 13 नवम्बर को गोहद पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इसमें सूरज पवैया और एक ढाबा संचालक विजेंद्र तोमर को गिरफ्तार किया गया था। इनके साथ एक अन्य आरोपी मुकुल जायसवाल और खरीददार चित्रा बाल्मीक को भी हिरासत में लिया गया था। जांच में आरोपियों की एमजॉन के साथ सांठगांठ सामने आई।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान तस्करी में एमजॉन का हाथ होने की बात कबूल की थी। पुलिस को गांजे के आर्डर और पैसे के लेनदेन के साक्ष्य भी मिले थे। पुलिस ने एमजॉन से कुछ सवाल किए थे। कंपनी ने जो जवाब दिया वो पुलिस के गले के नीचे नहीं उतरे। जांच में पता चला कि आरोपी सूरज रवैया और मुकुल जयस्वाल फर्जी कंपनी बनाकर एमजॉन के सेलर के रूप में रजिस्टर हुए थे।
कंपनी पर केस दर्ज करने का आदेश
आरोपियों का कहना है कि कंपनी स्वीटनर के रूप में अपने निश्चित ग्राहकों को निश्चित स्थानों पर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम इलाके से गांजे की सप्लाई करती थी। ऐसे में एएसएसएल एमजॉन के जवाब और जांच में सामने आए तथ्यों का मिलान किया गया, जिनमें काफी भिन्नता पाई गई। उसके बाद कंपनी पर केस दर्ज करने का आदेश दिया गया।
भिंड के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने पीटीआई को बताया कि देश में एएसएसएल के तौर पर काम करने वाली कंपनी के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 38 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है।
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