डेली संवाद, जालंधर
शहर में एक के बाद एक अवैध कालोनी और अवैध कामर्शियल निर्माण पर मेहरबानी दिखाने वाले नगर निगम के अफसरों ने गुलमर्ग कालोनी में तीन दुकानों को अवैध बताते हुए उसके शटर तोड़ दिए। बावजूद इसके निगम टीम ने दुकान पर कोई कार्रवाई नहीं की। हैरानी की बात तो यह है कि थोड़ा आगे जाने पर अवैध रूप काटी गई कालोनी को नगर निगम की टीम ने नजरअंदाज कर दिया।
एमटीपी मेहरबान सिंह के आदेश पर निगम टीम ने आज गुलमर्ग कालोनी में अवैध रूप से बन रही दुकानों पर डिच चलाई। लेकिन यह कार्यवाही महज खानापूर्ति तक सीमित रही। भारी भरकम फोर्स और मशीनरी लेकर पहुंचे निगम अफसर ने दो मंजिला दुकानों के सिर्फ ग्राउंड फ्लोर पर लगे शटर को तोड़ा। जबकि पूरा अवैध निर्माण जस का तस खड़ा है।
नगर निगम अफसर मेयर जगदीश राजा और निगम कमिश्नर करणेश शर्मा की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। या यूं कहें कि निगम कमिश्नर और मेयर जानबूझकर आंख बंद किए हुए, जिससे शहर में सैकड़ों अवैध निर्माण और कालोनियों बन रही हैं। आज जिस गुलमर्ग कालोनी में अवैध दुकानें तोड़ी गई, उसी के आगे अवैध रूप से दो कालोनियां काटी गई हैं, निगम अफसर ने वहां कोई कार्रवाई नहीं की।
आपको बता दें कि एक अवैध कालोनी पुडा के अधिकार क्षेत्र में है, जबकि दूसरी नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में है। हैरानी की बात तो यह है कि अवैध रूप से काटी गई कालोनी को वैध बताकर लोगों को ठगा जा रहा है, इसमें पुडा के अधिकारी की भी मिलीभगत है। हालांकि पुडा और निगम अधिकारियों की मिलीभगत से कालोनाइजर सरकार को करोड़ों को चूना लगा रहा है।