रजनीश शुक्ला
डेली संवाद, जालंधर
नगर निगम के अफसरों की लापरवाही से आज एक 55 साल के व्यक्ति की मौत हो गई। रैन बसेरे में रह रहे उत्तराखंड के गजेंद्र की संभवता ठंड लगने से मौत बताई जा रही है। रैन बसेरा में रहे लोगों ने बताया कि कड़ाके की ठंड और बारिश में रैन बसेरे में कोई सुविधा नहीं है, जिससे ठंड का वे सभी लोग प्रकोप झेल रहे हैं। इसी ठंड के कारण गजेंद्र की मौत हो गई।
रैन बसेरे की रियाल्टी चेक के दौरान डेली संवाद की टीम को कई खामियां मिली। यहां तक कि रैन बसेरे में कोई गद्दा नहीं थी, रजाई के नाम पर एक पतला कंबल दिया गया था, जिसे किसी तरह ओढ़ कर गरीब अपनी जान बचाने में लगे हुए हैं। रैन बसेरा में रह रहे लोगों ने बताया कि नगर निगम का कोई भी अफसर यहां नहीं आता है। जिससे कोई सुविधा नहीं है।
कहां है सरकारी चिकित्सा
आपको बता दें कि नगर निगम ने दावा किया था कि रैनबसेरों में रात गुजारने वाले लोगों को सरकारी चिकित्सा सुविधा और खाना भी उपलब्ध करवाएंगे। रैन बसेरों को इसके लिए अपग्रेड भी किया गया। यहां रसोई भी बनाई गई है। लेकिन यहां न तो चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है और न ही किसी तरह से गरम कपड़े औऱ भोजन की। जबकि सरकार इ रैन बसेरा पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। इस संबंध में जब नगर निगम के एसई राहुल धवन से बात करना चाहा तो उन्होंने माकूल जवाब नहीं दिया है।
दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन के पास बने रैन बसेरे में निगम अफसरों ने ताले लगा रखे हैं। कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच बेघरों को फुटपाथ और रेलवे स्टेशन के आस-पास ठंड में रात बितानी पड़ रही है। मेयर जगदीश राजा और निगम कमिश्नर करणेश शर्मा को दफ्तर और घर से बाहर निकल कर इन रैन बसेरों की हालत का जायजा भी लेना चाहिए।
MCJ अफसरों की मर गई संवेदनाएं, ठंड से गरीब गजेंद्र भी मर गया, देखें
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