डेली संवाद, जालंधर/चंडीगढ़
पंजाब विधानसभा चुनाव के बिगुल बजने के बाद अकाली दल और आम आदमी पार्टी पूरी तरह से सक्रिय होकर उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस अभी एक दूसरे के चेहरे देख रहे हैं। जिससे भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक 117 सीटों में से किसी एक पर भी अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि कांग्रेस में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है, इसी फेरबदल पर भाजपा की निगाहें टिकी है।
विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस के सिटिंग विधायकों की टिकट कटने लगभग तय है। कांग्रेस कैंपेन कमेटी के चेयरमैन और स्क्रीनिंग कमेटी के मेंबर सुनील जाखड़ अभी विदेश में हैं। टिकटों के आवंटन को लेकर दिल्ली में विचार-विमर्श शुरू हुआ है। प्रदेश के सीनियर नेताओं ने माझा, मालवा और दोआबा में कमजोर कारगुजारी वाले विधायकों की लिस्ट दो भाग में हाईकमान को सौंपने का फैसला किया है।
20 विधायकों की कट सकती है टिकट
पार्टी सूत्रों के अनुसार 20 मौजूदा विधायकों के टिकट कटेगी। इनमें सबसे ज्यादा विधायक माझा के हैं। सबसे ऊपर नाम हरगोबिंदपुर के विधायक बलविंदर सिंह लाडी का है। लाडी भाजपा में शामिल होने के 6 दिन बाद लौट आए थे। फिरोजपुर देहात विधानसभा क्षेत्र से एमएलए सत्कार कौर की भी टिकट कटने के आसार है। मोगा से विधायक डॉ हरजोत कमल की जगह सोनू सूद की बहन मालविका को टिकट तय है।
खेमकरण के विधायक सुखपाल गुल्लर की कारगुजारी से भी पीपीसीसी नाखुश है। मलोट से विधायक व डिप्टी स्पीकर अजय सिंह भट्टी को भी निराशा का सामना करना पड़ सकता है। बाबा बकाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक संतोख भलाईपुर की भी टिकट कट सकती है। टिकट कटने से नाखुश विधायकों को मनाने के लिए विशेष कमेटी बनाई जाएगी।
टिकट के लिए दांवपेच
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बलुआणा से विधायक नथूराम, अटारी से विधायक तरसेम सिंह डीसी, भोआ से विधायक जोगिंदर पाल और शामचौरासी से विधायक पवन अदिया की भी टिकट कट सकती है। तरसेम डीसी की जगह किसी युवा नेता को टिकट लगभग तय है। कांग्रेस के सीनियर नेता व विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के भाजपा ज्वाइन करने के बाद गुरूहरसहाय हलका खाली हो गया है। आवला इस बार जलालाबाद की बजाय किसी अन्य क्षेत्र से चुनाव लेना चाहते हैं। पार्टी इस बार टिकट वितरण में युवाओं को तरजीह दे सकती है।