कांग्रेस में बगावत का बिगुल: सांसद चौधरी के बेटे बिक्रम को टिकट, तो मंत्री राणा के बेटे इंद्र को टिकट क्यों नहीं? जालंधर से लेकर दिल्ली तक सियासी महाभारत

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर
कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद घमासान मचा हुआ है। जालंधर से लेकर दिल्ली और चंडीगढ़ में कांग्रेस की कलह खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस की ‘वन टिकट-वन फैमिली’ पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के नेता ही सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस ने 2 सांसदों के बेटों को टिकट क्यों दी? जालंधर से सांसद संतोख चौधरी के बेटे बिक्रम चौधरी को फिल्लौर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। जिससे दूसरे नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है।

इसका असर यह हुआ कि 3 विधानसभा क्षेत्रों के रिश्तेदार निर्दलीय लड़ने के लिए खड़े हो गए हैं। जिनमें 2 ने तो ऐलान कर दिया है। इनमें सबसे बड़ा नाम कांग्रेसी CM चरणजीत चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह का है। अब बटाला सीट पर भी बगावत के आसार हैं। कांग्रेस ने 86 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। जिसके बाद से ही बगावत हो रही है।

इन सांसदों के बेटों को दी टिकट

चौधरी संतोख सिंह: चौधरी जालंधर लोकसभा सीट से कांग्रेसी सांसद हैं। कांग्रेस ने उनके बेटे विक्रम चौधरी को फिल्लौर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दे दी है।

डॉ. अमर सिंह : पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से सांसद हैं। कांग्रेस ने उनके बेटे कामिल अमर सिंह को रायकोट से टिकट दी है।

इन सीटों पर मचा घमासान

बस्सी पठाना : यहां से सीएम चरणजीत चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह ने दावा ठोका था। उन्होंने सीनियर मेडिकल अफसर की नौकरी तक छोड़ दी। अब कांग्रेस ने वहां से सिटिंग MLA गुरप्रीत जीपी को टिकट दे दी। अब डॉ. मनोहर निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।

सुल्तानपुर लोधी : कांग्रेस सरकार में मंत्री राणा गुरजीत सिंह यहां से अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे। कांग्रेस ने राणा को कपूरथला से टिकट दे दी और सुल्तानपुर लोधी से सिटिंग एमएलए नवतेज चीमा को टिकट दे दी। अब राणा के बेटे राणा इंद्रप्रताप ने आजाद लड़ने का ऐलान कर दिया है।

बटाला : यहां से मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा लड़ने के इच्छुक थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें फतेहगढ़ चूड़ियां से टिकट दी है। बाजवा यहीं से विधायक हैं। अब वह बटाला के लिए भी टिकट मांग रहे हैं। जहां से नवजोत सिद्धू अश्वनी शेखड़ी के हक में डटे हुए हैं। बाजवा का कहना है कि समर्थक कह रहे हैं कि वह बटाला से खुद लड़ें या परिवार के किसी सदस्य को लड़ाएं।




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