डेली संवाद, जालंधर
पंजाब में सत्ता तो जरूर बदल गई है, लेकिन अफसरों की कार्यप्रणाली में बिल्कुल भी बदलाव नहीं दिख रहा है। खासकर जालंधर नगर निगम के अधिकारियों में कोई भी बदलाव नजर नहीं आ रहा है। यहां तक कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सख्ती भी इन अफसरों पर बेअसर साबित हो रही है, जिससे आम आदमी शिकायतें कर रहा है, लेकिन निगम के इंजीनियर और अफसर मौन हैं।
मामला अर्बन एस्टेट फेज-2 के वाटर टैंक पार्क नंबर-3 का है। जहां 20 दिन पहले पानी की पाइप फट गई, जिससे पीने वाला पानी पूरे पार्क में जमा हो रहा है, पानी नई बनी सड़क पर जमा होता है, जिससे नई बनी सड़क भी बैठ गई और दरारे आ गई हैं। इलाके के निवासी और पंजाब इंडस्ट्री के पूर्व डायरेक्टर शविंदर उप्पल ने इसकी शिकायत 15 दिन पहले निगम के इंजीनियर से की, लेकिन आज पानी की पाइप को दुरुस्त करने कोई नहीं पहुंचा।
15 दिनों से लगातार शिकायत
शविंदर सिंह ने बताया कि पानी की पाइप फटने से हजारों लीटर पीने वाला पानी बर्बाद हो रहा है। एक तरफ जहां पीने का पानी बर्बाद हो रहा है, तो दूसरी तरफ यह पानी नई बनी रोड को खऱाब कर दिया। नई बनी रोड पानी भरने से जगह-जगह बैठ गई और सड़क में दरारे आ गईं। उन्होंने इसकी शिकायत जेई, एसडीओ, एक्सईएन, एसई, ज्वाइंट कमिश्नर और कमिश्नर करणेश शर्मा से की, लेकिन 15 दिनों से लगातार शिकायत के बाद पानी की पाइप को दुरुस्त नहीं किया जा सका।
अभ शविंदर सिंह ने डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी से इसकी शिकायत की है। डिप्टी मेयर ने कहा है कि भरी गर्मी में पीने के पानी की बर्बादी करना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निगम कमिश्नर करणेश शर्मा से बात करेंगे औऱ संबंधित इंजीनियर के खिलाफ कार्ऱवाई की जाएगी।
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