संगरूर। कांग्रेस (congress) ने नए प्रदेश अध्यक्ष राजा अमरिंदर सिंह वड़िंग (Amarinder Singh Raja Warring) की नियुक्ति के बाद अनुशासनहीनता के आरोप में पहली बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने अमरगढ़ (Amargarh) के पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान (Surjeet Singh Dhiman) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
धीमान को पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) का करीबी माना जाता है। उन्होंने राजा वड़िंग की नियुक्ति के बाद सवाल खड़े किए थे। धीमान ने राजा वड़िंग को अवसरवादी और भ्रष्ट बताया था। उन्होंने कहा था कि इस समय कांग्रेस को बचाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू जैसे इंसान की जरूरत थी। राजा वड़िंग को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से अच्छा किसी अनाड़ी को पद दिया जाता।
बादल परिवार के आगे झुक गए थे
पूर्व विधायक धीमान ने नए प्रदेशाध्यक्ष का डट कर विरोध करते हुए कहा कि राजा वडिंग प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के योग्य नहीं हैं। वह ड्रग्स व पैसे के लेन देन के मामले में सुर्खियों में रहे है, जिस कारण बादल परिवार के आगे झुक गए थे। ऐसे प्रधान की अध्यक्षता में पार्टी मजबूत होने की बजाए कमजोर होगी।
इस समय कांग्रेस को बचाने के लिए मेहनती व निस्वार्थ भावना से काम करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को पुन: प्रधान बनाया जाना चाहिए था। नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी को हमेशा एकजुट करनेका प्रयास किया है, लेकिन पार्टी हाईकमान ने कभी नवजोत सिंह सिद्धू का साथ नहीं दिया। जिसका खामियाजा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को पंजाब में भुगतना पड़ा है। बता दें कि सुरजीत सिंह धीमान के भतीजे जसविंदर सिंह धीमान सुनाम से कांग्रेस के हलका इंचार्ज हैं।
पार्टी से निकाल दिया, कोई बात नहीं
उधर, अपने निष्कासन पर पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान ने कहा कि शायद कांग्रेस पार्टी को सच बोलने वाले व्यक्तियों की जरूरत नहीं है। फिर भी वह सच बोलने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्हें पार्टी से निकाल दिया, कोई बात नहीं। यदि वह खुद पार्टी छोड़ते तो कहा जाना था कि अधर में ही साथ छोड़ दिया, लेकिन अब कोई ऐसा नहीं कह सकेगा। उन्होंने कहा कि वह किसी अन्य पार्टी में भी शामिल नहीं होंगे व न ही सियासत से संयास लेंगे। उन्होंने पहले भी लोगों की सेवा ईमानदारी से की थी और आगे भी करते रहेंगे।